Vodafone Idea AGR: मोबाइल नेटवर्क की दुनिया में जब भी किसी बड़ी टेलीकॉम कंपनी का नाम लिया जाता है, तो उसमें Vodafone Idea (Vi) का ज़िक्र ज़रूर आता है। हाल ही में कंपनी के शेयरधारकों के लिए राहत भरी खबर आई है। 19 सितंबर को Vodafone Idea के शेयरों में करीब 9% की जबरदस्त बढ़त देखने को मिली। वजह थी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा AGR (Adjusted Gross Revenue) केस, जिसमें सरकार ने संकेत दिया है कि इस मामले का कोई ठोस समाधान ढूंढना अब बेहद ज़रूरी हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और सरकार का रुख

Vodafone Idea पर सरकार की ओर से ताज़ा 9,450 करोड़ रुपये की AGR डिमांड का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। 19 सितंबर को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच से कहा कि चूंकि अब Vodafone Idea में सरकार की भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, इसलिए उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करते हुए इस पर एक व्यावहारिक समाधान तलाशना ज़रूरी है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि इस मामले को 26 सितंबर को फिर से लिस्ट किया जाए, ताकि विस्तृत चर्चा की जा सके।
निवेशकों का भरोसा और शेयरों में उछाल
जैसे ही यह खबर आई कि सरकार अब कंपनी के साथ मिलकर समाधान ढूंढने के पक्ष में है, निवेशकों का भरोसा और मज़बूत हुआ। नतीजतन, शेयर बाज़ार में Vodafone Idea के शेयरों ने करीब 9% की छलांग लगा दी। लंबे समय से संकट से जूझ रही इस टेलीकॉम कंपनी के लिए यह एक बड़ी राहत की तरह है।
सरकार भी है हिस्सेदार
यहां सबसे अहम बात यह है कि Vodafone Idea में अब सरकार की भी हिस्सेदारी है। यही कारण है कि सरकार खुद इस केस में उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए कोई संतुलित रास्ता निकालना चाहती है। सरकार का यह कदम संकेत देता है कि वह कंपनी को पूरी तरह संकट में नहीं छोड़ना चाहती, क्योंकि इससे लाखों उपभोक्ता प्रभावित हो सकते हैं।
आगे का रास्ता

अब सबकी निगाहें 26 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट और सरकार मिलकर कोई ऐसा हल निकाल पाते हैं जो कंपनी और उपभोक्ताओं, दोनों के लिए फायदेमंद हो। अगर समाधान निकलता है, तो Vodafone Idea के लिए यह लंबे संकट के बाद नई शुरुआत साबित हो सकती है।
Vodafone Idea के लिए AGR केस हमेशा से एक बड़ा बोझ रहा है। लेकिन सरकार के इस रुख ने शेयर बाज़ार और निवेशकों को उम्मीद की नई किरण दी है। आने वाले दिनों में अगर कोई ठोस हल निकलता है, तो यह न केवल कंपनी बल्कि टेलीकॉम सेक्टर के भविष्य के लिए भी अहम होगा।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी न्यायालय की कार्यवाही और शुरुआती रिपोर्ट्स पर आधारित है। यह किसी भी तरह की निवेश सलाह नहीं है। निवेश से पहले हमेशा वित्तीय विशेषज्ञ से परामर्श लें।




