Vaibhav Suryavanshi: पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में इन दिनों बिहार और अरुणाचल प्रदेश के बीच रणजी ट्रॉफी 2025 का मुकाबला खेला जा रहा है। हर बार की तरह इस बार भी क्रिकेट प्रेमियों की नज़रें बिहार के युवा बल्लेबाज़ Vaibhav Suryavanshi पर टिकी थीं, जो पहली बार टीम के उप-कप्तान (Vice-Captain) के रूप में मैदान में उतरे। लेकिन उम्मीदों के बावजूद वैभव अपनी पहली पारी में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।
शानदार शुरुआत के बाद जल्दी गिरे विकेट

मैच की शुरुआत में Vaibhav Suryavanshi आत्मविश्वास से लबरेज़ दिखे। ओपनिंग करते हुए उन्होंने कुछ बेहतरीन शॉट्स लगाए, मानो किसी टी20 मैच में बल्लेबाज़ी कर रहे हों। उनकी बैटिंग में जो जोश और आत्मविश्वास झलक रहा था, उससे दर्शकों को लगा कि वह बड़ी पारी खेलने वाले हैं।
लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। कुछ ही गेंदों के अंदर, जब सबको लगा कि वह पारी को आगे बढ़ाएंगे, तभी वे क्लीन बोल्ड हो गए। वैभव ने बेहद तेज़ी से रन बनाए, उनका स्ट्राइक रेट 280 रहा, जो यह दिखाता है कि उन्होंने शुरुआत में कितनी आक्रामक बल्लेबाज़ी की। लेकिन अफसोस, उनका विकेट जल्दी गिर गया और वे टीम को मुश्किल स्थिति में छोड़कर लौट गए।
टीम को संभाला अर्नव किशोर और आयुष लहरूका ने
वैभव के जल्दी आउट होने के बाद बिहार की टीम थोड़ी दबाव में आ गई थी। लेकिन उनकी जगह टीम के बाकी बल्लेबाज़ों ने मोर्चा संभाला। ओपनिंग पार्टनर अर्नव किशोर ने शानदार अर्धशतक जमाया, जबकि आयुष लहरूका ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए शतक पूरा किया।
इन दोनों खिलाड़ियों की बदौलत बिहार की टीम ने पहली पारी में बढ़त हासिल की। मैदान पर दर्शकों का जोश तब बढ़ गया जब लहरूका के चौके-छक्के हवा में गूंजने लगे।
वैभव भले ही इस पारी में बड़ा स्कोर नहीं बना पाए, लेकिन उनकी आक्रामक शुरुआत ने रन गति को तेज़ करने में अहम भूमिका निभाई। यही कारण है कि भले ही उनका योगदान स्कोरबोर्ड पर छोटा दिखा, पर टीम की रन गति में वह फर्क लेकर आए जिसकी जरूरत शुरुआत में थी।
उप-कप्तान के रूप में नई जिम्मेदारी
यह मैच Vaibhav Suryavanshi के लिए खास इसलिए भी था क्योंकि वे पहली बार बिहार रणजी टीम के उप-कप्तान बने हैं। उनके अंदर खेल के प्रति गहरी समझ और नेतृत्व क्षमता को देखकर टीम मैनेजमेंट ने यह जिम्मेदारी सौंपी।
हालांकि पहली पारी में वह बड़ी पारी नहीं खेल पाए, लेकिन क्रिकेट में यह कहा जाता है “हर बड़ी जिम्मेदारी के साथ अनुभव भी आता है।” वैभव को अब अगले मैचों में अपने अनुभव और प्रतिभा दोनों का संतुलन दिखाना होगा।
बिहार के लिए यह अच्छा संकेत है कि उनके पास वैभव जैसे युवा खिलाड़ी हैं जो न केवल आक्रामक बल्लेबाज़ी करते हैं बल्कि टीम के लिए रणनीतिक सोच भी रखते हैं।
आगे क्या उम्मीदें हैं वैभव से
रणजी ट्रॉफी जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में एक खिलाड़ी का फॉर्म हर मैच में ऊपर-नीचे होता है। वैभव सूर्यवंशी ने इस मैच में भले ही छोटी पारी खेली हो, लेकिन उनके खेलने का अंदाज़ यह बताता है कि उनमें क्षमता की कोई कमी नहीं है। उनकी बल्लेबाज़ी की झलक यह संकेत देती है कि अगर वह थोड़ी और धैर्य के साथ खेलें, तो आने वाले मैचों में बड़ी पारियाँ निश्चित हैं।
क्रिकेट में कभी-कभी एक पारी खिलाड़ी को झकझोर देती है, लेकिन यही असफलता भविष्य की बड़ी कामयाबी का रास्ता भी बनती है। बिहार के प्रशंसक और टीम मैनेजमेंट दोनों को यकीन है कि आने वाले मैचों में वैभव सूर्यवंशी अपनी लय में लौटेंगे और अपनी उप-कप्तानी की भूमिका को शानदार प्रदर्शन से सजाएँगे।
बिहार की टीम की स्थिति

पहली पारी के अंत तक बिहार टीम ने मजबूत स्थिति बना ली थी। अर्नव किशोर और आयुष लहरूका की शानदार साझेदारी ने टीम को लीड दिला दी। अरुणाचल प्रदेश की गेंदबाज़ी शुरुआत में अच्छी रही, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, बिहार के बल्लेबाज़ों ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया।
वैभव की वापसी का इंतज़ार अब दूसरी पारी में रहेगा, जहां वे अपने स्कोर में सुधार कर सकते हैं और टीम को और मजबूत स्थिति में पहुंचा सकते हैं।
वैभव सूर्यवंशी का रणजी ट्रॉफी 2025 में बतौर उप-कप्तान पहला मैच उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा, लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी में जो आक्रामकता और आत्मविश्वास दिखा, वह यह साबित करता है कि आने वाले मैचों में वह धमाका जरूर करेंगे। क्रिकेट सिर्फ एक मैच का खेल नहीं है, यह निरंतरता और धैर्य का खेल है और वैभव के अंदर यह दोनों खूबियाँ मौजूद हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी उपलब्ध रिपोर्ट्स और मैदान से मिली अपडेट्स पर आधारित है। आंकड़ों या घटनाओं में आगे बदलाव संभव है। पाठकों से निवेदन है कि आधिकारिक स्रोतों से नवीनतम जानकारी की पुष्टि करें।




