एशिया कप 2025 में गर्मा रहा विवाद: Vaibhav Suryavanshi ने बताई ‘नो हैंडशेक’ की वजह

Meenakshi Arya -

Published on: December 12, 2025

Vaibhav Suryavanshi: दुबई/शारजाह — जब भी भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमें मैदान पर उतरती हैं, सिर्फ़ खेल नहीं होता, भावनाओं का टकराव भी होता है। और अब Under-19 Asia Cup 2025 के मुकाबले से पहले इसी बात का एक नया रूप देखने को मिल रहा है। भारत के उभरते बल्लेबाज़ vaibhav suryavanshi ने यह साफ कह दिया है कि वह नो हैंडशेक पॉलिसी का पालन करेंगे—यानी पाकिस्तान के खिलाड़ियों से मैच के बाद हाथ नहीं मिलाएंगे।

यह फैसला सिर्फ एक अनुष्ठान का त्याग नहीं है, बल्कि एक भावनात्मक और सामूहिक भावना का प्रतीक बन चुका है।

vaibhav suryavanshi ने क्यों कहा “नो हैंडशेक”?

जब रिपोर्टरों ने vaibhav suryavanshi से पूछा कि उन्होंने ऐसा क्या कहा, जिसमें वो पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाएंगे, तो उन्होंने बड़ी शांति और स्पष्टता से जवाब दिया:

“मैच मैदान पर खेला जाता है, पर भावनाएँ हमारे दिलों में रहती हैं। मैं सिर्फ़ अपना फोकस क्रिकेट पर रखना चाहता हूँ। जिस तरह हम तैयार हैं, उसी तरह मैंने यह निर्णय लिया है।”

vaibhav suryavanshi के शब्दों में न केवल एक खिलाड़ी की प्रतिबद्धता है, बल्कि अपने टीम-साथियों को मानसिक रूप से तैयार करने की जिम्मेदारी भी है।

भारत-पाक मैच की खास भूमिका

Under-19 Asia Cup 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हमेशा की तरह सबसे प्रतीक्षित रहा है। यह युवा क्रिकेटरों के करियर के लिए बड़ा मौका भी होता है, और दबाव का सामना करने की पहली सीढ़ी भी।

युवा खिलाड़ी नहीं चाहते कि बाहरी माहौल, राजनीतिक तनाव, या सोशल मीडिया की बातों की वजह से टीम का ध्यान भटक जाए। इसी वजह से कुछ खिलाड़ियों ने स्पष्ट किया है कि वे मैदान के भीतर अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे—पर मैच के बाद व्यवहार को सरल रखना, कहीं भी विवाद नहीं चाहते।

vaibhav suryavanshi का यह कहना, “हाथ मिलाना या न मिलाना”—इससे कहीं अधिक मायने रखता है कि टीम का फोकस क्या है। और अगर टीम का इरादा साफ है, तो उसका असर खेल पर भी पड़ेगा।

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नो हैंडशेक पॉलिसी: सिर्फ़ एक संकेत नहीं, एक भावना

नो हैंडशेक पॉलिसी में साफ़ तौर पर यह बात नज़र आती है कि खिलाड़ी अपना ध्यान केवल खेल पर रखना चाहते हैं। युवा टीम में बहुत से लोग पहली बार ऐसे मैच में उतर रहे हैं, जहाँ पूरा देश देख रहा है, और दबाव इतना है कि सामान्य बातचीत भी मुश्किल हो जाती है।

इस नीति को समझने का तरीका यह है कि खिलाड़ी चाहते हैं—

  • मन को शांत और खेल में डूबा हुआ रखना
  • कोई बाहरी भावनात्मक टकराव न होना
  • केवल क्रिकेट की रणनीति और प्रदर्शन पर ध्यान देना

vaibhav suryavanshi ने खुद बताया कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है, जो उनकी मानसिकता का हिस्सा है।

टीम इंडिया की रणनीति—समान ध्यान और संयम

टीम के कोच और कप्तान दोनों ने भी यह संदेश दिया है कि भारत का लक्ष्य सच्ची खेल भावना के साथ प्रदर्शन करना है। किसी भी प्रकार का मनोवैज्ञानिक दबाव खिलाड़ियों को विचलित कर सकता है—और युवा टीम इसका अच्छी तरह से एहसास रखती है।

भारत के कप्तान ने कहा:

“हम एक टीम हैं, जो अपने खेल को आगे बढ़ा रही है। हम मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हैं, और उसके बाद जो भी परिणाम होगा—उसे स्वीकार करना हमारी प्राथमिकता है।”

vaibhav suryavanshi के प्रदर्शन पर भी सबकी नज़र

vaibhav suryavanshi सिर्फ़ अपनी पॉलिसी के लिए ही चर्चा में नहीं हैं, बल्कि उनके खेल कौशल और प्रदर्शन पर भी सभी की नज़र है। पिछले मैचों में उनकी बल्लेबाज़ी ने टीम को समर्थन दिया है—और यही कारण है कि टीम मैनेजमेंट भी उन पर भरोसा दिखा रहा है।

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निष्कर्ष

Under-19 Asia Cup 2025 में भारत का यह मैच युवा खिलाड़ियों के लिये सिर्फ़ एक मुकाबला नहीं, बल्कि मानसिकता—दबाव—और स्तर की परख भी है। vaibhav suryavanshi और उनके साथियों ने यह दिखा दिया है कि वे मैदान पर खेल से जुड़े, अपने परिवार, देश और खुद से जुड़ी उम्मीदों को समझते हैं—और उसी के अनुरूप उन्होंने अपना रुख चुना है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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