RBI के सख्त कदम से थमी रुपये की गिरावट, USD INR की चाल ने बदला रुख

Meenakshi Arya -

Published on: December 17, 2025

USD INR: भारतीय रुपये की लगातार कमजोरी ने पिछले कुछ हफ्तों से बाजार और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। डॉलर के मुकाबले रुपया रोज़ नए निचले स्तर छू रहा था, जिससे आयात महंगा हो रहा था और निवेशकों का भरोसा भी डगमगाने लगा था। ऐसे माहौल में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आखिरकार सख्त कदम उठाते हुए मुद्रा बाजार में दखल दिया, जिसका सीधा असर usd inr की चाल पर देखने को मिला।

पिछले कुछ दिनों में रुपया लगभग एकतरफा गिरावट के रास्ते पर चल रहा था। विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे थे और डॉलर की मांग बढ़ती जा रही थी। इसका नतीजा यह हुआ कि डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब पहुंच गया। बाजार में यह चर्चा आम हो गई थी कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो रुपया और फिसल सकता है।

क्यों बढ़ा रुपये पर दबाव

रुपये की कमजोरी के पीछे कई वजहें थीं। एक तरफ वैश्विक स्तर पर डॉलर मजबूत बना हुआ था, वहीं दूसरी ओर भारत से विदेशी पूंजी का लगातार बाहर जाना रुपये के लिए बड़ी चुनौती बन गया। इसके अलावा कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और आयात बिल में बढ़ोतरी ने भी रुपये पर दबाव बढ़ाया। जब विदेशी निवेशक भारतीय शेयर और बॉन्ड बेचते हैं, तो उन्हें डॉलर में पैसा वापस भेजना होता है, जिससे usd inr पर सीधा असर पड़ता है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के महीनों में रुपये की गिरावट केवल घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों से भी जुड़ी रही है। अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक सुस्ती ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर मोड़ दिया, जिसमें डॉलर पहली पसंद बना।

RBI की एंट्री से बदला माहौल

ऐसे समय में RBI की एंट्री ने बाजार को राहत की सांस दी। केंद्रीय बैंक ने खुले बाजार में डॉलर बेचकर रुपये को सहारा दिया। इसका असर तुरंत दिखा और रुपये की गिरावट पर ब्रेक लगा। कारोबार के दौरान usd inr में अचानक आई मजबूती ने यह साफ कर दिया कि RBI रुपये को पूरी तरह कमजोर होने देने के मूड में नहीं है।

बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि यह कदम सिर्फ एक दिन की राहत के लिए नहीं, बल्कि बाजार को यह संकेत देने के लिए है कि RBI हालात पर नजर बनाए हुए है। जैसे ही रुपये की चाल एकतरफा होती दिखेगी, केंद्रीय बैंक हस्तक्षेप करेगा।

Also Read: RBI ने muthoot finance पर लगाया जुर्माना: जानिए वजह और असर

निवेशकों और कारोबारियों की प्रतिक्रिया

RBI के इस कदम के बाद बाजार में भरोसा लौटा है। शेयर बाजार में भी इसका हल्का सकारात्मक असर देखने को मिला। आयात से जुड़े कारोबारियों को जहां राहत मिली, वहीं निर्यातकों के लिए यह स्थिति थोड़ी संतुलित मानी जा रही है। कमजोर रुपया निर्यातकों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जब गिरावट तेज हो जाए, तो अनिश्चितता बढ़ जाती है।

मुद्रा बाजार के जानकारों का कहना है कि फिलहाल usd inr की चाल पूरी तरह स्थिर नहीं हुई है, लेकिन RBI के कदम से यह साफ हो गया है कि गिरावट को खुली छूट नहीं दी जाएगी। इससे सट्टेबाजी पर भी लगाम लग सकती है।

बिंदुविवरण
मुद्रा जोड़ीUSD/INR
हालिया स्थितिरुपये में गिरावट पर दबाव
मुख्य वजहमजबूत डॉलर और विदेशी फंड आउटफ्लो
RBI का कदमडॉलर बेचकर बाजार में हस्तक्षेप
असररुपये को मिली अस्थायी मजबूती

Also Read: RBI penalty hdfc bank: RBI ने HDFC बैंक पर लगाया 91 लाख रुपये का जुर्माना, नियमों के उल्लंघन पर कड़ी चेतावनी

USD INR निष्कर्ष

कुल मिलाकर, RBI के दखल ने यह साफ कर दिया है कि रुपये की लगातार गिरावट को हल्के में नहीं लिया जाएगा। usd inr की दिशा भले ही बाजार तय करे, लेकिन जब हालात बिगड़ते हैं, तो केंद्रीय बैंक का मजबूत रुख बाजार को संभालने में अहम भूमिका निभाता है। आने वाले दिनों में सभी की नजर इसी पर रहेगी कि रुपया इस सहारे को कितनी मजबूती से थाम पाता है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

Leave a Comment