जब नेटफ्लिक्स पर “The Bads of Bollywood” आया, तो दर्शकों को लगा कि ये भी शायद एक और चमक-दमक वाली सीरीज़ होगी। लेकिन जैसे-जैसे कहानी खुलती गई, वैसे-वैसे ये साफ़ होता गया कि यह शो उतना ही कच्चा, सच्चा और चुभता हुआ है, जितनी हकीकतें बॉलीवुड की गलियों में छुपी होती हैं।
इस सीरीज़ का सबसे बड़ा आकर्षण सिर्फ़ इसके किरदार नहीं थे, बल्कि वह जुनून था जिससे Aryan Khan ने इसे बनाया।
स्क्रिप्ट नहीं, भरोसा था साथ
Bads of Bollywood: Lakshya, Sahher Bamba, Raghav Juyal और Anya Singh जैसे कलाकारों ने हाल ही में खुलासा किया कि शुरुआत में उनके पास कोई पूरी स्क्रिप्ट नहीं थी। उन्हें बस एक भरोसा था—Aryan Khan पर।
Lakshya ने कहा, “कई बार सीन शुरू होने से पहले तक हमें पता नहीं होता था कि क्या होगा। लेकिन Aryan के विज़न पर इतना भरोसा था कि हम बस उनके साथ बहते चले गए।”
ये सुनकर साफ़ लगता है कि यह प्रोजेक्ट किसी नियम-कायदे की तरह नहीं, बल्कि एक प्रयोग की तरह गढ़ा गया था।

जेल सीन और चर्चाओं का तूफ़ान
Bads of Bollywood: सीरीज़ का सबसे चर्चित हिस्सा रहा वह जेल सीन। ट्रेलर में आते ही इस पर सोशल मीडिया भर गया। संवाद था—“अंदर जाने के बाद लोग और मशहूर हो जाते हैं।”
लोगों ने तुरंत इसे Aryan Khan की अपनी जिंदगी से जोड़ दिया। लेकिन टीम का कहना है कि यह महज़ एक व्यंग्य है, एक काल्पनिक दृश्य जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है।
फिर भी, यह सीन इस बात का सबूत है कि “Bads of Bollywood” केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज पर तंज कसने का भी हौसला रखता है।
Aryan Khan का जुनून
कलाकारों का कहना है कि Aryan शूटिंग के दौरान शायद ही सोते थे। दिन हो या रात, एडिटिंग, बैकग्राउंड म्यूज़िक या स्क्रिप्ट पर काम—हर जगह उनकी मौजूदगी रहती थी।
Sahher Bamba ने बताया, “कई बार रात को बात शुरू होती थी शूट के बारे में और सुबह उठते ही वही जारी रहती थी। उनके लिए ये शो बस एक काम नहीं था, बल्कि एक सपना था।”
ऐसा जुनून ही शायद वजह है कि बिना पूरी स्क्रिप्ट के भी कलाकारों ने भरोसा किया और कहानी को ज़िंदा किया।
नाम पर भी हुई बहस
शो का नाम “The Bads of Bollywood” अपने आप में एक झटका था। तीन सितारों (asterisks) के साथ आया यह टाइटल संकेत देता है कि ग्लैमर की इस दुनिया में कितनी चीज़ें अधूरी, छिपी और अनकही हैं।
कुछ दर्शकों ने कहा कि ये टाइटल जरूरत से ज्यादा बोल्ड है, जबकि दूसरों ने माना कि यही इसकी असली ताक़त है—सच को आधा ढक कर, आधा दिखाकर बताना।
दर्शकों की प्रतिक्रिया
रिलीज़ के बाद लोगों की राय बंटी हुई है।
- कुछ कह रहे हैं कि यह शो बेबाक है, सच बोलने की हिम्मत रखता है।
- तो वहीं कुछ को लगता है कि कहानी कई बार उलझ जाती है और और गहराई चाहिए।
लेकिन एक बात पर सब सहमत हैं—यह सीरीज़ बॉलीवुड के बारे में सोचने का नज़रिया ज़रूर बदलती है।
निष्कर्ष
“bads of bollywood” सिर्फ़ एक वेब-सीरीज़ नहीं है, बल्कि एक आईना है जो चमकदार पर्दे के पीछे की धूल-मिट्टी भी दिखाता है। Aryan Khan का समर्पण और कलाकारों का भरोसा इसे खास बनाता है।
ये सीरीज़ बताती है कि कभी-कभी अधूरी स्क्रिप्ट से भी पूरी कहानियाँ बन सकती हैं—बस ज़रूरत होती है जुनून और सच्चाई की।
और यही वजह है कि “The Bads of Bollywood” दर्शकों के लिए सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक अनुभव बन गया है। यह सीरीज़ यह प्रमाण है कि जब कोई युवा निर्देशक अपनी खामियों और कमियों के साथ भी ईमानदारी से सामने आए, तो दर्शकों को सिर्फ़ गप-शप नहीं, वास्तविकता की झलक मिलती है।




