Tezpur University में उबाल: छठे दिन भी बंद रहा कैंपस, छात्रों की एक ही मांग—VC हटाओ

Meenakshi Arya -

Published on: December 5, 2025

असम की tezpur university इन दिनों उस माहौल से गुज़र रही है, जिसे देखकर कोई भी छात्र, शिक्षक या अभिभावक परेशान हो सकता है। पिछले छह दिनों से पूरा कैंपस बंद पड़ा है। कक्षाएँ रुकी हुई हैं, लैब खाली हैं और हॉस्टल के बाहर छात्रों की लंबी कतारें—सबके हाथों में सिर्फ एक मांग लिखी हुई है: “VC को हटाया जाए।”

विरोध की यह आग धीरे-धीरे नहीं, अचानक भी नहीं भड़की। पिछले कुछ महीनों से विद्यार्थी और स्टाफ कई मुद्दों को लेकर चुपचाप नाराज़ थे, लेकिन अब हालात इतने बिगड़ गए कि पूरा विश्वविद्यालय ही ठप हो गया।

क्यों भड़का इतना बड़ा आंदोलन?

Tezpur University: छात्र और कर्मचारी दोनों आरोप लगा रहे हैं कि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता नहीं है। कई फैसले बिना संवाद और बिना स्पष्टीकरण के लिए गए। ऊपर से, वाइस-चांसलर लंबे समय से कैंपस में मौजूद ही नहीं थे—इस बात ने सभी की नाराज़गी को और हवा दी।

छात्र संगठनों का आरोप है कि प्रशासन ने शिकायतों को नज़रअंदाज किया और जो भी सवाल उठाया गया, उसे “नियम और प्रक्रिया” का हवाला देकर टाल दिया जाता था।

धीरे-धीरे ये मुद्दे एक बड़ी मांग में बदल गए:
“VC को हटाया जाए और सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच हो।”

छात्र–कर्मचारी एकजुट: कैंपस का माहौल पूरी तरह बदला

Tezpur University: इस आंदोलन की एक दिलचस्प बात यह है कि यह सिर्फ छात्रों तक सीमित नहीं है।
शिक्षक संघ और नॉन-टीचिंग स्टाफ ने भी इस विरोध को खुलकर समर्थन दिया है।

  • कैंपस का मुख्य गेट बंद
  • क्लासेस पूरी तरह रुकी
  • परीक्षाएँ स्थगित
  • प्रशासनिक दफ्तर खाली
  • अंदर से सिर्फ एक ही आवाज़—“न्याय चाहिए”

Tezpur University की पहचान केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। यहां का सांस्कृतिक माहौल, विविध पृष्ठभूमियों के छात्र, अचानक गायब हो गई कक्षाओं की हलचल—सब पर यह आंदोलन भारी पड़ रहा है।

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सरकार की कोशिशें—लेकिन छात्र राज़ी नहीं

असम सरकार ने केंद्र को सुझाव दिया कि एक Pro-VC नियुक्त किया जाए, ताकि प्रशासनिक कामकाज चल सके।
लेकिन छात्रों का कहना है कि यह “हल” नहीं, बल्कि “टालमटोल” है।

उनकी मांग साफ है:

  • VC को हटाया जाए
  • आरोपों की जांच हो
  • विश्वविद्यालय को पारदर्शी ढांचे की ओर वापस लाया जाए

प्रो-VC की नियुक्ति उन्हें स्वीकार नहीं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे सिर्फ कुछ समय के लिए शांति का भ्रम पैदा होगा, समस्या हल नहीं होगी।

छात्रों के मन में चिंता—क्लास और करियर का क्या?

हर बंद पड़े दरवाज़े के पीछे एक छात्र की चिंता दबी हुई है।

  • परीक्षाएँ कब होंगी?
  • सेमेस्टर कैसे पूरा होगा?
  • शोध कर रहे विद्यार्थियों का क्या होगा?
  • आगे की प्लेसमेंट पर इसका क्या असर पड़ेगा?

Tezpur University नॉर्थ-ईस्ट के सबसे प्रतिष्ठित कैंपसों में गिनी जाती है। ऐसे में इतने लंबे समय तक चलने वाला बंद आंदोलन छात्रों के भविष्य के लिए बड़ा सवाल बन रहा है।

अगला कदम क्या?

जो स्थितियाँ सामने आ रही हैं, उनसे लगता है कि यह आंदोलन अभी थमने वाला नहीं है। मांगें साफ हैं, आवाज़ मजबूत है और समर्थन भी व्यापक।
जब एक संस्था के तीनों स्तंभ—छात्र, शिक्षक और कर्मचारी—एक साथ खड़े हो जाएँ, तो यह संकेत है कि भीतर कुछ गंभीर है।

अब गेंद सरकार और केंद्रीय उच्च शिक्षा विभाग के पाले में है।
अगर मांगें स्वीकार की जाती हैं, तो स्थिति शांत हो सकती है।
अगर नहीं, तो यह बंद लंबा खिंच सकता है।

Tezpur University का यह आंदोलन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा संस्थान सिर्फ किताबों और भवनों से नहीं चलते—वे विश्वास, संवाद और पारदर्शिता पर टिके होते हैं।

जब इन तीन चीज़ों में से कोई एक भी हिलती है, तो पूरी व्यवस्था लड़खड़ा जाती है।
छात्रों की आवाज़ को सुना जाना ज़रूरी है, क्योंकि विश्वविद्यालय का भविष्य आखिरकार उन्हीं के हाथ में होता है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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