Smriti Mandhana: नई दिल्ली — क्रिकेट का खेल आँकड़ों और रैंकिंग से भरा हुआ है, लेकिन जब इनमें किसी खिलाड़ी की मेहनत और संघर्ष की कहानी छुपी हो तो वह सिर्फ़ न्यूज़ नहीं, बल्कि प्रेरणा बन जाती है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ओपनर Smriti Mandhana ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनका नाम दुनिया की बेहतरीन बल्लेबाज़ों में क्यों लिया जाता है। वर्ल्ड कप से ठीक पहले Smriti Mandhana ने आईसीसी वनडे बल्लेबाज़ी रैंकिंग में नंबर-वन स्थान हासिल कर लिया है।
मेहनत का फल मिला
पिछले कुछ महीनों से Smriti Mandhana की फॉर्म को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ उनकी हाल की पारियों ने इन सभी सवालों का जवाब दे दिया। पहले ही वनडे में जब उन्होंने 63 गेंदों पर 58 रन बनाए, तो यह सिर्फ़ रन नहीं थे — यह संदेश था कि वह अभी भी टीम इंडिया की धड़कन हैं। इसी पारी की बदौलत उन्होंने इंग्लैंड की नेथ स्किवर-ब्रंट को पीछे छोड़ते हुए फिर से पहला स्थान हासिल कर लिया।

नंबर-वन का सफर
मंधाना इससे पहले भी साल 2019 और 2023-24 में रैंकिंग में शीर्ष पर रह चुकी हैं। लेकिन इस बार की वापसी ख़ास है, क्योंकि यह महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 से ठीक पहले आई है। इस समय जब पूरी टीम तैयारी के दौर में है, मंधाना की यह उपलब्धि खिलाड़ियों में आत्मविश्वास का संचार करती है।
उनके नाम आज 750 से अधिक रेटिंग पॉइंट्स हैं, जो उनकी निरंतरता और बल्लेबाज़ी की गुणवत्ता का सबूत है।
टीम इंडिया का मनोबल ऊँचा
सिर्फ़ Smriti Mandhana ही नहीं, बल्कि बाकी खिलाड़ियों ने भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। हरलीन डिओल और प्रतिमा रावल ने हालिया मैचों में दमदार प्रदर्शन किया है। यह साफ़ दिखाता है कि टीम इंडिया एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है, बल्कि पूरी टीम का तालमेल और मेहनत रंग ला रही है।
दबाव और उम्मीदें
स्मृति मंधाना पर ज़िम्मेदारी और उम्मीदें दोनों बहुत बड़ी हैं। जब कोई खिलाड़ी नंबर-वन बनता है, तो उससे हर बार उसी स्तर का प्रदर्शन अपेक्षित होता है। लेकिन यही असली चुनौती है — हर मैच, हर पारी में अपने आपको साबित करना।
Smriti Mandhana ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा भी था, “मेरे लिए नंबर-वन बनना उतना अहम नहीं, जितना टीम के लिए लगातार योगदान देना।” यही सोच उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
महिला क्रिकेट के लिए बड़ी बात
भारत में महिला क्रिकेट आज उस मुकाम पर पहुँच रहा है जहाँ लाखों लड़कियाँ Smriti Mandhana जैसी खिलाड़ियों को अपना आदर्श मान रही हैं। उनकी यह उपलब्धि उन सभी लड़कियों को यह संदेश देती है कि मेहनत और धैर्य से हर सपना पूरा किया जा सकता है।
गाँव की गलियों से लेकर बड़े शहरों की क्रिकेट अकादमियों तक, मंधाना का नाम अब प्रेरणा की तरह लिया जाता है।
वर्ल्ड कप की दहलीज़ पर
30 सितंबर से शुरू होने वाले महिला विश्व कप से पहले यह खबर भारतीय टीम के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। टीम इंडिया का आत्मविश्वास अब कहीं और ऊँचाई पर है। बल्लेबाज़ी क्रम में मंधाना की स्थिरता और आक्रामकता दोनों ही भारत को मज़बूत बनाती हैं।
अगर वह टूर्नामेंट में इसी लय को बरकरार रख पाती हैं, तो भारत का सपना एक और विश्व कप जीतने का हक़ीक़त में बदल सकता है।
निष्कर्ष
smriti mandhana का नंबर-वन पर लौटना सिर्फ़ एक आंकड़ा नहीं है। यह उस खिलाड़ी की मेहनत, जुनून और हिम्मत की पहचान है जिसने अपने खेल से लाखों दिलों को जीता है। यह संदेश भी है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम अब किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटने वाली।
जैसे तीर्थयात्री अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए कठिन राहें पार करते हैं, वैसे ही मंधाना ने भी उतार-चढ़ाव भरे सफ़र के बाद फिर से शिखर छुआ है। अब नज़रें वर्ल्ड कप पर होंगी, और हर क्रिकेट प्रेमी यही दुआ करेगा कि यह चमक टूर्नामेंट में भी बनी रहे।




