ग्रेटर नोएडा, 10 अक्टूबर 2025 — उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के मकौड़ा गांव की बेटी Sherry Singh ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम गर्व से रोशन किया है। हाल ही में फिलीपींस के मनीला शहर में आयोजित 48वें मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में शेर्री सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और तिरंगा लहराकर अपने देश को गौरवान्वित किया। इस प्रतियोगिता में दुनिया के 120 देशों की विवाहित महिलाओं ने भाग लिया था और शेर्री ने अपनी मेहनत, प्रतिभा और आत्मविश्वास के बल पर यह उपलब्धि हासिल की।
तिरंगे के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम

जब Sherry Singh को ताज पहनाया गया, तो भारतीय तिरंगा उनके सिर पर लहरा रहा था। यह पल न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का था। शेर्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह जीत सिर्फ मेरी नहीं है, यह उन सभी महिलाओं की है जिन्होंने कभी सपनों को साकार करने की हिम्मत की। मैं अपनी इस सफलता को पूरे देश के बच्चों और युवाओं के लिए समर्पित करती हूँ। यह दिखाता है कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है।”
कठिनाई और संघर्ष का सफर
Sherry Singh की कहानी प्रेरणा से भरी है। मकौड़ा गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुँचने का सफर आसान नहीं था। शेर्री ने अपने शुरुआती जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। आर्थिक कठिनाइयों और संसाधनों की कमी के बावजूद, उन्होंने अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ा। शिक्षा और आत्मविकास में उनकी लगन ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुँचाया।
शेर्री ने विशेष रूप से कहा, “गांव की महिलाओं के लिए मैं एक उदाहरण बनना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ कि हर लड़की यह समझे कि अपने सपनों को साकार करने के लिए कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। कठिनाइयाँ आएँगी, लेकिन धैर्य और मेहनत से उन्हें पार किया जा सकता है।”
क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सराहना
Sherry Singh की इस उपलब्धि पर पूरे ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में खुशी की लहर है। स्थानीय विधायक और सामाजिक नेता शेर्री की मेहनत और सफलता की खुले दिल से सराहना कर रहे हैं। पूर्व विधायक समीर भाटी ने कहा, “यह पहली बार है जब किसी भारतीय महिला ने इस प्रतिष्ठित खिताब में ऐसा प्रदर्शन किया है। शेर्री ने हमारे जिले और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। यह उपलब्धि हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
गांव के लोग भी इस उपलब्धि पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। मकौड़ा गांव में जश्न का माहौल है, मिठाइयाँ बाँटी जा रही हैं और हर कोई शेर्री के सफर को सलाम कर रहा है।
शेर्री सिंह की उपलब्धि का महत्व
Sherry Singh की यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह भारतीय महिलाओं की क्षमताओं और उनके बढ़ते विश्व मंच पर प्रभाव का प्रतीक है। उनके संघर्ष और सफलता ने यह साबित कर दिया कि यदि आत्मविश्वास, मेहनत और धैर्य हो तो कोई भी सीमा बाधा नहीं बन सकती।
विशेषज्ञ और कोच भी Sherry Singh की उपलब्धि को प्रेरणादायक मानते हैं। उन्होंने कहा कि शेर्री की मेहनत और दृढ़ संकल्प से अन्य युवा और महिला प्रतियोगियों के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ है।
| क्रम संख्या | उपलब्धि | वर्ष / स्थान |
|---|---|---|
| 1 | भारत का प्रतिनिधित्व और मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में तिरंगा लहराना | 2025 / मनीला, फिलीपींस |
| 2 | मकौड़ा गांव की पहली महिला विजेता | 2025 / मकौड़ा, ग्रेटर नोएडा |
| 3 | ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना | 2025 / भारत |
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निष्कर्ष
मकौड़ा गांव की बेटी शेर्री सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम गर्व से लहराया। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश और विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे शहरों की युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। Sherry Singh की मेहनत, संघर्ष और दृढ़ संकल्प यह साबित करता है कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी ऊँचाई असंभव नहीं।




