“pakistan vs india” हैंडशेक विवाद: जब खेल में भी रिश्तों की कसक झलक उठी

Meenakshi Arya -

Published on: September 15, 2025

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

pakistan vs india:- एशिया कप जैसे टूर्नामेंट सिर्फ़ रन और विकेट का खेल नहीं होते। इनमें लाखों लोगों की उम्मीदें, रिश्तों की परछाई और कभी-कभी राजनीति की चुभन भी शामिल होती है। यही वजह है कि हाल ही में हुए pakistan vs india मैच के बाद सबसे ज्यादा चर्चा बल्ले-गेंद की नहीं, बल्कि एक छोटे से पल की हुई—जब दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने पारंपरिक हैंडशेक से किनारा कर लिया।

वह पल जिसने सबको चौंकाया

pakistan vs india:- मैच खत्म हुआ, कैमरे खिलाड़ियों पर टिके थे। दर्शक उम्मीद कर रहे थे कि अब हमेशा की तरह खिलाड़ी एक-दूसरे से हाथ मिलाएँगे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मैदान पर वह छोटा-सा “हैंडशेक पल” गायब रहा। सामान्य तौर पर यह औपचारिकता होती है, लेकिन इस बार उसकी अनुपस्थिति ने माहौल में हल्की खामोशी और सवालों की गूंज छोड़ दी।

राशिद लतीफ़ का गुस्सा

pakistan vs india:- पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ़ ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर यह पाहलगाम हमले की वजह से है, तो उसकी लड़ाई कहीं और लड़ी जानी चाहिए। क्रिकेट को इसमें क्यों घसीटा जा रहा है? अगर दुश्मनी है, तो जंग लड़ो, लेकिन खेल को बर्बाद मत करो।”

उनका कहना साफ था कि क्रिकेट एक ऐसा मंच है जहाँ खिलाड़ी और दर्शक थोड़ी देर के लिए बाकी चिंताओं से दूर होकर सिर्फ खेल का आनंद लेते हैं। हैंडशेक जैसी चीज़ को राजनीति से जोड़ना खेल की आत्मा को चोट पहुँचाता है।

शोएब अख़्तर की अपील

“रावलपिंडी एक्सप्रेस” कहे जाने वाले शोएब अख़्तर ने भी इस घटना पर निराशा जताई। उनका मानना है कि मैदान पर प्रतिस्पर्धा चाहे कितनी भी सख़्त क्यों न हो, खेल के बाद गरिमा और खेलभावना दिखाना जरूरी है। उन्होंने कहा, “क्रिकेट हमें जोड़ता है, तोड़ता नहीं। जब आप हाथ मिलाते हैं, तो यह सिर्फ खिलाड़ियों का नहीं, करोड़ों दर्शकों का संदेश होता है कि खेल पहले है, राजनीति बाद में।”

दर्शकों की नज़र से

pakistan vs india के मैच को लोग सिर्फ़ मुकाबला नहीं, बल्कि एक त्यौहार की तरह देखते हैं। मोहल्लों में टीवी स्क्रीन सजते हैं, दोस्तों-परिवार के बीच चाय-समोसे के साथ चर्चाएँ होती हैं। लेकिन जब मैच के अंत में हैंडशेक जैसा छोटा-सा प्रतीक गायब होता है, तो दर्शकों को लगता है कि शायद खेल की उस मासूमियत पर भी राजनीति की छाया पड़ गई है।

दिल्ली के एक क्रिकेट प्रशंसक ने कहा, “हमें यह मैच क्रिकेट के लिए चाहिए, न कि किसी और कारण से। हार-जीत खेल का हिस्सा है, लेकिन हाथ न मिलाना दिल दुखाता है।”

खेल और राजनीति का मिलन बिंदु

यह पहली बार नहीं है जब pakistan vs india मैच के दौरान मैदान के बाहर की परिस्थितियों ने असर डाला हो। पहले भी कई बार द्विपक्षीय सीरीज़ रद्द हुईं, टूर टले और राजनीति ने क्रिकेट को रोक दिया। लेकिन जब मैच होते हैं, तो लोग चाहते हैं कि कम से कम मैदान के भीतर तो सिर्फ़ खेल की ही बात हो।

छोटे पल, बड़ा असर

कभी-कभी खेल में छोटे पल लंबे असर छोड़ जाते हैं। हैंडशेक न करना भले ही एक सेकंड की बात हो, लेकिन यह आने वाली पीढ़ियों तक चर्चा का हिस्सा बन जाता है। यह खिलाड़ियों के रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं होता, लेकिन यादों का हिस्सा जरूर बन जाता है।

निष्कर्ष

pakistan vs india का मुकाबला हमेशा खास रहेगा। यह केवल 22 गज की पिच पर 11-11 खिलाड़ियों का खेल नहीं है, बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन है। ऐसे में हाथ मिलाने से इंकार जैसी घटनाएँ रिश्तों की कसक और गहरी कर देती हैं।

राशिद लतीफ़ की नाराज़गी और शोएब अख़्तर की अपील दोनों यही कहती हैं कि खेल को खेल रहने दिया जाए। जब मैदान पर pakistan vs india भिड़ते हैं, तो दुनिया भर के प्रशंसक चाहते हैं कि वे क्रिकेट की असली खूबसूरती देखें—जुनून, प्रतिस्पर्धा और आखिर में एक मुस्कुराहट।

क्योंकि आखिरकार, जीत-हार भुला दी जाती है, लेकिन खेलभावना की तस्वीरें हमेशा याद रहती हैं।








Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

Leave a Comment