Narayana Murthy चाहते थे 70 घंटे का कार्य सप्ताह, अब इंफोसिस दे रहा है ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ की सीख

Rashmi Kumari -

Published on: July 2, 2025

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Narayana Murthy: जब बात काम और जीवन के संतुलन की आती है, तो आज की दुनिया में यह विषय पहले से कहीं ज़्यादा जरूरी हो गया है। तकनीकी क्षेत्र में लंबे समय तक काम करना अब सामान्य बात बन गई है, लेकिन इसके पीछे छुपे स्वास्थ्य जोखिमों को अब बड़ी कंपनियां भी समझने लगी हैं। देश की जानी-मानी आईटी कंपनी इंफोसिस ने हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया है जो लाखों कर्मचारियों के जीवन को संतुलित और स्वस्थ बना सकता है।

बदलते समय के साथ बदली सोच

Narayana Murthy चाहते थे 70 घंटे का कार्य सप्ताह, अब इंफोसिस दे रहा है 'वर्क-लाइफ बैलेंस' की सीख

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कुछ समय पहले यह बयान देकर हलचल मचा दी थी कि भारत को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को हर सप्ताह 70 घंटे काम करना चाहिए। उनका मानना था कि राष्ट्र निर्माण में मेहनत की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए। लेकिन अब उसी कंपनी इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नई नीति शुरू की है जो उन्हें अधिक काम करने से रोकती है और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए प्रेरित करती है।

अब वर्क-लाइफ बैलेंस है प्राथमिकता

इंफोसिस ने उन कर्मचारियों को ईमेल भेजना शुरू कर दिया है जो वर्क फ्रॉम होम के दौरान तय घंटों से ज्यादा काम कर रहे हैं। इन ईमेल्स में कर्मचारियों के काम के घंटों का पूरा ब्योरा होता है, जिसमें उन्हें सतर्क किया जाता है कि लगातार ओवरटाइम सेहत पर असर डाल सकता है।

कंपनी का मानना है कि कर्मचारी जितना स्वस्थ रहेंगे, उतना ही अधिक वे लम्बे समय तक बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। यही वजह है कि अब कर्मचारियों को नियमित ब्रेक लेने, ज़रूरत पड़ने पर काम को साझा करने और ऑफ-ऑवर में खुद को पूरी तरह से काम से अलग रखने की सलाह दी जा रही है।

काम के साथ खुशी भी जरूरी

इंफोसिस का यह आंतरिक अभियान दिखाता है कि कंपनी अब सिर्फ टारगेट्स और डेडलाइन्स पर नहीं, बल्कि कर्मचारियों की खुशी और संतुलित जीवनशैली पर भी ध्यान दे रही है। पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी क्षेत्र में वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने काम के घंटों की सीमाएं तोड़ दी थीं, जिससे कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बढ़ने लगा था।

अब इंफोसिस ने यह साफ कर दिया है कि उसका उद्देश्य कर्मचारियों से अधिकतम काम कराना नहीं, बल्कि उन्हें एक बेहतर और स्थायी करियर देना है।

नई नीति, नई शुरुआत

नवंबर 2023 में लागू हुई हाइब्रिड वर्क पॉलिसी के बाद से इंफोसिस अपने कर्मचारियों को महीने में कम से कम 10 दिन ऑफिस बुला रही है, और साथ ही वर्क फ्रॉम होम के दौरान उनके घंटों पर भी नजर रखी जा रही है। इससे पहले कंपनी केवल सालाना सर्वेक्षण के जरिए ही कर्मचारियों की राय और प्रदर्शन को जानती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया और भी गहन हो गई है।

इंफोसिस में काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि यह पहला मौका है जब उन्हें काम के घंटे अधिक होने पर कंपनी की तरफ से व्यक्तिगत रूप से संदेश मिला है।

कर्मचारियों के लिए एक नई दिशा

Narayana Murthy चाहते थे 70 घंटे का कार्य सप्ताह, अब इंफोसिस दे रहा है 'वर्क-लाइफ बैलेंस' की सीख

आज जब पूरा विश्व काम के दबाव से जूझ रहा है, ऐसे में इंफोसिस का यह कदम एक मिसाल बन सकता है। यह सिर्फ एक कंपनी की नीति नहीं, बल्कि एक सकारात्मक सोच है जो आने वाले समय में और भी संस्थाओं को कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुखद जीवन की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित कर सकती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी जागरूकता और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी कंपनी की नीति में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं, अतः संबंधित कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या सूत्र से अद्यतन जानकारी लेना उचित रहेगा।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं The News Bullet पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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