SEBI का बड़ा फैसला: Man Industries और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई, दो साल तक शेयर बाजार से बाहर

Meenakshi Arya -

Published on: September 30, 2025

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Man Industries मुंबई — भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए Man Industries और उसके तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया। नियामक संस्था का आरोप है कि कंपनी ने फंड डायवर्जन किया, वित्तीय रिपोर्टों में हेरफेर की और निवेशकों को गुमराह करने वाली जानकारी दी। यह फैसला भारतीय कॉरपोरेट जगत के लिए एक सख्त चेतावनी माना जा रहा है।

मामला कैसे शुरू हुआ?

SEBI ने अपनी लंबी जांच में पाया कि Man Industries ने वर्ष 2015–16 से 2020–21 के बीच कई गंभीर गड़बड़ियाँ कीं।

  • कंपनी ने अपनी सहायक इकाई Merino Shelters को वित्तीय रिपोर्टों में शामिल नहीं किया।
  • संबंधित पक्ष (related party) लेन-देन का खुलासा सही समय पर और सही तरीके से नहीं किया।
  • कंपनी ने फंड्स को एक चक्कर लगाकर (राउंड-ट्रिपिंग) वापस दिखाया ताकि उसकी वित्तीय स्थिति वास्तविकता से बेहतर दिखाई दे।

इन सभी कार्यों को SEBI ने धोखाधड़ी और “अनुचित व्यापार प्रथा” की श्रेणी में रखा।

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किन पर गिरी गाज?

इस आदेश में कंपनी के साथ-साथ तीन बड़े अधिकारियों को भी बाज़ार से दूर रहने का निर्देश दिया गया है:

  • रामेश मनसुखानी — कंपनी के चेयरमैन
  • निखिल मनसुखानी — प्रबंध निदेशक
  • अशोक गुप्ता — पूर्व वित्त प्रमुख

इन तीनों को अगले दो साल तक किसी भी तरह की खरीद-फरोख़्त या बाज़ार से जुड़ी गतिविधि करने की इजाज़त नहीं होगी। यानी वे न तो खरीद सकते हैं और न ही कोई बिक्री कर सकते हैं।

जुर्माना और दंड

SEBI ने Man Industries और इन अधिकारियों पर ₹25 लाख का जुर्माना लगाया है। इस राशि को कंपनी और अधिकारी अलग-अलग अदा करेंगे। नियामक का कहना है कि यह सिर्फ सज़ा नहीं बल्कि संदेश देने का तरीका है ताकि बाकी कंपनियाँ भी नियम तोड़ने से पहले सौ बार सोचें।

शेयर बाज़ार पर असर

खबर सामने आते ही निवेशकों की चिंता बढ़ गई। शुरुआती कारोबार में Man Industries के शेयर 15–16% तक गिर गए। कई निवेशकों ने तुरंत अपनी होल्डिंग बेच दी।
विश्लेषकों का कहना है कि जब किसी कंपनी पर इस तरह का गंभीर आरोप लगता है, तो बाजार स्वाभाविक रूप से नकारात्मक प्रतिक्रिया देता है। भरोसा टूटने में एक पल लगता है, लेकिन उसे वापस पाने में सालों लग सकते हैं।

कंपनी का पक्ष

दूसरी ओर, Man Industries ने SEBI के आदेश को चुनौतीपूर्ण बताया। कंपनी का कहना है कि यह फैसला उनकी दीर्घकालिक कारोबारी रणनीति पर असर नहीं डालेगा। उनका दावा है कि उनके पास अभी भी ₹4,700 करोड़ से ज्यादा की ऑर्डर बुक है और कारोबार सामान्य रूप से चलता रहेगा।
कंपनी ने यह भी कहा कि वे इस आदेश के खिलाफ अपील करने पर विचार कर रहे हैं।

निवेशकों के लिए सबक

यह मामला निवेशकों और कॉरपोरेट जगत दोनों के लिए एक चेतावनी है।

  • पारदर्शिता ज़रूरी है — वित्तीय ब्योरे छिपाने से निवेशकों का भरोसा डगमगा जाता है।
  • नियमों का पालन अनिवार्य है — SEBI ने साफ कर दिया है कि अब ढील नहीं दी जाएगी।
  • निवेशक सावधान रहें — किसी भी कंपनी में पैसा लगाने से पहले उसकी रिपोर्ट और कामकाज पर ध्यान दें।
बिंदुविवरण
नियामक संस्थाSEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड)
कंपनीMan Industries
आरोपफंड डायवर्जन, वित्तीय रिपोर्टिंग में गड़बड़ी, राउंड-ट्रिपिंग
जिम्मेदार अधिकारीरामेश मनसुखानी (चेयरमैन), निखिल मनसुखानी (MD), अशोक गुप्ता (पूर्व CFO)
दंडदो साल तक बाजार से प्रतिबंध + ₹25 लाख का जुर्माना
बाजार पर असरशेयर 15–16% तक लुढ़के, निवेशकों में घबराहट
कंपनी का पक्षकारोबार पर असर नहीं, ₹4,700 करोड़ की ऑर्डर बुक बरकरार
मुख्य संदेशपारदर्शिता और नियम पालन से समझौता नहीं होगा

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निष्कर्ष

SEBI की यह कार्रवाई दिखाती है कि अब कॉरपोरेट जगत में जवाबदेही और पारदर्शिता से समझौता नहीं चलेगा। man industries जैसी कंपनियों के लिए यह एक बड़ा झटका है और अन्य कंपनियों के लिए सबक। यह मामला यह भी याद दिलाता है कि भरोसा सिर्फ नाम से नहीं, बल्कि सही आंकड़ों और ईमानदार कारोबारी रवैये से जीता जाता है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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