Infosys: जब बात हो देश की दिग्गज IT कंपनियों की, तो इंफोसिस का नाम खुद-ब-खुद सामने आ जाता है। इस बार कंपनी ने एक बार फिर भरोसा जताया है कि वह तकनीकी दुनिया की अग्रणी कंपनियों में बनी रहेगी। जुलाई 2025 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 6,921 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है, जो कि पिछले साल की तुलना में 8.7% ज्यादा है।
बढ़े राजस्व के साथ दिखा कंपनी की रणनीति का असर

इस तिमाही में कंपनी का कुल राजस्व भी 7.5% बढ़कर ₹42,279 करोड़ पहुंच गया, जो कि पिछले साल की इसी अवधि में ₹39,315 करोड़ था। यह बढ़त न सिर्फ वित्तीय मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि इंफोसिस कैसे अपने क्लाइंट बेस और प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो को समय के साथ और मजबूत कर रहा है।
हालांकि तिमाही-दर-तिमाही तुलना करें तो मुनाफा हल्का सा 1.5% गिरा है, लेकिन राजस्व में 3.3% की बढ़ोतरी बनी रही। यह इस बात का संकेत है कि कंपनी का फोकस लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर है और वह भविष्य की जरूरतों के हिसाब से खुद को ढाल रही है।
एआई और बड़े डील्स ने दिया भरोसे का सहारा
इंफोसिस के CEO और MD सलील पारेख ने बताया कि कंपनी की यह सफलता उनके मजबूत एंटरप्राइज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षमताओं और क्लाइंट कंसॉलिडेशन में लिए गए सही फैसलों का नतीजा है। उन्होंने यह भी कहा कि $3.8 बिलियन की बड़ी डील्स यह साबित करती हैं कि इंफोसिस की बाजार में स्थिति कितनी मजबूत है और क्लाइंट्स पर इसका भरोसा कितना गहरा है।
FY26 के लिए बढ़ी उम्मीदें
कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपनी ग्रोथ गाइडेंस को थोड़ा और स्पष्ट किया है। अब यह 1% से 3% की रेंज में रखा गया है, जबकि पहले यह 0-3% थी। यह बदलाव भी इस ओर इशारा करता है कि कंपनी को आगे की तिमाहियों में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
शेयरों पर दिखा हल्का दबाव

हालांकि, नतीजों के दिन कंपनी के शेयरों में थोड़ा दबाव रहा और BSE पर इंफोसिस के शेयर ₹1,556 पर बंद हुए, जो कि 0.90% की गिरावट को दिखाता है। लेकिन निवेशकों के लिए राहत की बात यह है कि ये नतीजे बाजार बंद होने के बाद आए, जिससे अगली ट्रेडिंग में सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। इसमें दी गई जानकारी कंपनी की आधिकारिक घोषणाओं और समाचार स्रोतों पर आधारित है और इसे निवेश का अंतिम आधार नहीं माना जाना चाहिए।