India’s big decision: बांग्लादेश से आने वाली जूट आयात पर लगी ज़मीनी रोक, अब सिर्फ एक बंदरगाह से होगी एंट्री

Rashmi Kumari -

Published on: June 29, 2025

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India’s big decision: जब बात देश के हितों की हो, तो कभी-कभी कड़े कदम उठाने ज़रूरी हो जाते हैं। भारत सरकार ने भी अब एक ऐसा ही सख्त फैसला लिया है, जो बांग्लादेश से जूट उत्पादों के आयात को लेकर है। यह फैसला न सिर्फ घरेलू उद्योग को संरक्षण देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापारिक तनाव को भी उजागर करता है।

हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना जारी कर साफ कर दिया कि अब बांग्लादेश से जूट और उससे जुड़े फाइबर उत्पाद सिर्फ महाराष्ट्र के न्हावा शेवा पोर्ट से ही भारत में आ सकेंगे। यह फैसला देश के सभी ज़मीनी और समुद्री बंदरगाहों पर बांग्लादेशी जूट के आयात को रोकते हुए किया गया है।

घरेलू जूट उद्योग को बचाने की मजबूरी

बांग्लादेश को अब तक SAFTA (साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया) समझौते के तहत भारत में जूट उत्पादों का ड्यूटी-फ्री प्रवेश प्राप्त था। लेकिन पिछले कुछ समय से यह देखा गया कि सस्ते और सब्सिडी वाले बांग्लादेशी जूट उत्पादों, खासकर यार्न, फाइबर और बैग्स, के कारण भारत का घरेलू जूट उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो रहा था।

अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेशी निर्यातकों द्वारा एंटी-डंपिंग ड्यूटी से बचने के लिए कई तरह के रास्ते अपनाए जा रहे थे, जैसे कि गलत लेबलिंग, तकनीकी छूटों का दुरुपयोग, और ऐसी फर्मों के माध्यम से निर्यात करना जो ड्यूटी से मुक्त हैं।

इसलिए यह जरूरी हो गया था कि भारत सरकार इन गलत तरीकों पर लगाम लगाए और गुणवत्ता की जांच को और सख्त बनाए। यही कारण है कि अब केवल एक ही पोर्ट से इन उत्पादों को भारत में प्रवेश करने की इजाजत दी गई है, ताकि हर खेप की जांच ठीक से हो सके।

यह कदम क्यों है महत्वपूर्ण

यह कदम केवल एक व्यापारिक रोक नहीं है, बल्कि एक नियंत्रित और संतुलित जवाब है, जैसा कि ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश ने बिना किसी उकसावे के भारत से कई उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी थी। ऐसे में भारत ने कोई प्रतिबंध तो नहीं लगाया, लेकिन यह साफ संकेत दे दिया कि अब “सही रास्तों” से ही व्यापार होगा।

इससे पहले भी अप्रैल 2025 में भारत ने बांग्लादेश को दी गई एक महत्वपूर्ण ट्रांज़िट सुविधा वापस ले ली थी, जो उन्हें भारतीय ज़मीनी सीमा से होते हुए अपने निर्यात को तीसरे देशों तक भेजने की इजाजत देती थी।

क्या है आगे का रास्ता

इस फैसले से बांग्लादेशी जूट व्यापार को जरूर झटका लगेगा, लेकिन भारत के जूट उद्योग को एक नई संजीवनी मिल सकती है। इस फैसले का उद्देश्य किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि अपने घरेलू व्यापार और उद्योग की रक्षा करना है। अगर दोनों देशों के बीच बातचीत और समझदारी बनी रही, तो भविष्य में व्यापारिक सहयोग की संभावना अभी भी बनी रह सकती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया स्रोतों और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। व्यापार नीतियों में बदलाव समय-समय पर होता रहता है, अतः किसी भी निर्णय या व्यापारिक योजना से पहले आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है। Patrika Times इन नीतिगत परिवर्तनों के लिए किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं लेता।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं The News Bullet पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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