India women cricket team: महिला वर्ल्ड कप में भारत की जंग: आत्मविश्वास बनाम दबाव

Meenakshi Arya -

Published on: October 21, 2025

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भारत की महिला क्रिकेट टीम (India women cricket team) इस वर्ल्ड कप में मैदान पर जुझारूपन दिखा रही है, लेकिन हर जीत के करीब आकर फिसल जाना अब उसकी सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। टीम की मेहनत पर किसी को शक नहीं, मगर दबाव के वक्त फैसले और आत्मविश्वास की कमी ही बार-बार रोड़ा बन रहे हैं।

जीत के करीब आकर हार का दर्द

India women cricket team: इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में खेले गए मुकाबले में भारत ने शानदार शुरुआत की थी। ओपनर बल्लेबाज़ों ने लय बनाई, लेकिन जैसे-जैसे मैच आखिरी ओवरों में पहुंचा, दबाव बढ़ता गया। नतीजा – चार रनों से हार। यह पहली बार नहीं था जब इंडिया महिला क्रिकेट टीम ने मैच को आखिरी ओवर तक खींचा और वहां फिसल गई। यही वह “माइंड गेम” है जिसने कई टूर्नामेंट में भारत को पीछे रखा है।

कोच और सपोर्ट स्टाफ का मानना है कि यह हार टीम की क्षमता की नहीं, बल्कि मानसिक तैयारी की है। तकनीक, फिटनेस और रणनीति सब है, बस मनोबल को स्थिर रखना अब सबसे जरूरी बन गया है।

सेमीफाइनल की उम्मीदें अब भी जिंदा

India women cricket team: ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका ने पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना ली है। चौथे स्थान के लिए भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड में जबरदस्त जंग चल रही है। भारत को अपने अगले दो मुकाबले—पहला न्यूजीलैंड और फिर बांग्लादेश के खिलाफ—हर हाल में जीतने होंगे। एक भी हार टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर सकती है।

नेट रन रेट (NRR) भी अब एक अहम फैक्टर बन चुका है। अगर रन रेट में फर्क रह गया, तो सेमीफाइनल की टिकट हाथ से निकल सकती है।

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पुरानी आदतें और नई चुनौतियाँ

India women cricket team: हर बार की तरह इस बार भी भारतीय टीम की एक ही कमजोरी सामने आई — मैच फिनिश करने की आदत का अभाव। स्कोरबोर्ड पर 250 से ऊपर पहुँचने के बाद भी आखिरी दस ओवरों में रन रुक जाते हैं। बल्लेबाज़ी में स्थिरता की कमी और गलत शॉट सिलेक्शन टीम की सबसे बड़ी परेशानी है।

हालांकि इस बार एक सकारात्मक पहलू यह रहा कि कई नई खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर और ऋचा घोष जैसी अनुभवी खिलाड़ियों के साथ नई ऊर्जा जुड़ी है। ये खिलाड़ी अब बड़े मैचों में जिम्मेदारी उठा रही हैं।

टीम में आत्मविश्वास और नई ऊर्जा

India women cricket team: महिला प्रीमियर लीग (WPL) ने भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव दिया है। इस मंच पर निखरकर निकलीं कई युवा बल्लेबाज़ अब वर्ल्ड कप में अपना असर छोड़ रही हैं। ऑस्ट्रेलिया को कुछ महीने पहले 102 रनों से हराना टीम के आत्मविश्वास की सबसे बड़ी मिसाल थी। यह जीत दिखाती है कि टीम के पास काबिलियत की कोई कमी नहीं — बस लगातार बने रहना जरूरी है।

आगे की राह

अब सवाल सिर्फ इतना है — क्या इंडिया महिला क्रिकेट टीम इस बार अपने पुराने डर को पीछे छोड़ पाएगी?
हर खिलाड़ी, हर कोच और हर प्रशंसक यही चाहता है कि यह टीम वही करे जो अब तक अधूरा रह गया — फाइनल में जगह बनाए और खिताब जीते।

यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, संयम और धैर्य की परीक्षा है। अगर टीम ने अपने डर को हराया, तो यह वर्ल्ड कप भारत की क्रिकेट कहानी में नया अध्याय लिखेगा।

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India women cricket team निष्कर्ष

महिला वर्ल्ड कप में India women cricket team का सफर अब निर्णायक मोड़ पर है। टीम में प्रतिभा, अनुभव और जज़्बे की कोई कमी नहीं, बस दबाव के पलों में धैर्य बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम ने दिखाया है कि वह किसी भी बड़ी टीम को मात देने की क्षमता रखती है, बस निरंतरता की ज़रूरत है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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