India Post का नया DHRUVA फ्रेमवर्क: देश में एड्रेसिंग सिस्टम को मिलने वाली है नई पहचान

Meenakshi Arya -

Published on: December 10, 2025

देश में पते से जुड़ी परेशानियाँ नई नहीं हैं—कभी गली बदल गई, कभी घर नंबर बदला, कभी मोहल्ले के नाम अलग-अलग निकले। इन सब उलझनों के बीच अब India Post एक ऐसा कदम उठा रहा है जो आने वाले वक्त में हमारे पते की पूरी तस्वीर बदल सकता है। इसका नाम है DHRUVA फ्रेमवर्क, जो एड्रेस को डिजिटल, आसान और भरोसेमंद बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

DHRUVA क्या है?

India Post: DHRUVA का पूरा नाम है Digital Hub for Reference and Unique Virtual Address। सुनने में भले तकनीकी लगे, लेकिन इसका मकसद बेहद सीधा है—हर नागरिक को एक यूनिक डिजिटल एड्रेस देना, जो स्थायी होगा और हर जगह मान्य होगा। मतलब, आपका घर बदल जाए, इलाके का नाम बदल जाए, लेकिन आपका डिजिटल पता वही रहेगा।

India Post इसे देशभर के लिए एक मानक एड्रेसिंग सिस्टम की तरह लागू करना चाहता है, ताकि सरकारी काम, डिलीवरी, बैंकिंग और पहचान से जुड़े काम और आसान बन सकें।

DIGIPIN—इसकी असली ताकत

इस नए सिस्टम में सबसे खास चीज है DIGIPIN
यह भारत की जमीन को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटकर हर 4 मीटर × 4 मीटर के खांचे को एक यूनिक 10-अक्षरी कोड देता है।

यानी—

  • आपका घर
  • आपकी गली
  • आपकी दुकान
  • आपका खेत

सबका एक सटीक डिजिटल पता होगा, जो नक्शे में बिल्कुल पिन-पॉइंट लोकेशन दिखाएगा।

यह वही बदलाव है जैसा UPI ने भुगतान में किया—साधारण, तेज और भरोसेमंद।

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आम लोगों के लिए क्या बदलेगा?

DHRUVA सिस्टम लागू होते ही कई रोजमर्रा की परेशानियाँ खत्म हो सकती हैं:

  • कोई भी फॉर्म भरते समय पते की लंबी लाइनें लिखने की जरूरत नहीं होगी।
  • ऑनलाइन ऑर्डर, डाक या कूरियर अब गलत जगह पहुँचने की संभावना बहुत कम हो जाएगी।
  • ग्रामीण इलाकों में, जहाँ पते अक्सर अस्पष्ट होते हैं, वहां भी सटीक लोकेशन दर्ज होगी।
  • मकान या शहर बदलने पर भी आपका डिजिटल पता वही रहेगा—बस लोकेशन अपडेट की सुविधा होगी।

सबसे बड़ी बात—आप नियंत्रित करेंगे कि अपना डिजिटल पता किसे दिखाना है और किसे नहीं।

सरकार और सेवाओं पर बड़ा असर

India Post के इस कदम से सरकारी एजेंसियों, डिलीवरी कंपनियों, बैंकों और कई निजी सेवाओं को बेहद फायदा होगा।

  • सरकारी योजनाएं सही जगह पहुँचेंगी
  • आपातकालीन सेवाएं (जैसे एम्बुलेंस) सटीक लोकेशन ढूंढ सकेंगी
  • नगर निगम और प्रशासन को बेहतर प्लानिंग में मदद मिलेगी

यह पहल देश में एक स्टैंडर्ड एड्रेसिंग सिस्टम की बड़ी कमी को पूरा करने जा रही है।

चुनौतियाँ भी कम नहीं

बदलाव बड़ा है, इसलिए चुनौतियाँ भी स्वाभाविक हैं:

  • डिजिटल पता लोगों तक पहुँचाने में समय लगेगा
  • दूरदराज इलाकों में टेक्नोलॉजी की जागरूकता बढ़ानी होगी
  • डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर काफी सतर्कता रखनी होगी
  • पुराने पते से डिजिटल एड्रेस पर आने का सफर धीरे-धीरे होगा

सरकार भी इस बात का ध्यान रख रही है कि सिस्टम पूरी तरह consent-based हो। यानी आपकी जानकारी आपके नियंत्रण में रहे।

कब तक दिखेगा असर?

India Post: हालांकि DHRUVA की घोषणा अभी हुई है, लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
पहले बड़े शहरों में टेस्टिंग होगी, फिर चरणों में यह पूरे देश में फैलाया जाएगा।
अगर सब ठीक रहा, तो आने वाले वर्षों में भारत का एड्रेस सिस्टम दुनिया के सबसे आधुनिक सिस्टमों में शामिल हो सकता है।

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India Post निष्कर्ष

India Post का DHRUVA सिर्फ एक नया डिजिटल एड्रेस सिस्टम नहीं है, बल्कि यह हमारे रोजमर्रा के जीवन को सरल बनाने की दिशा में उठाया गया बहुत बड़ा कदम है।
जिस देश में पता अक्सर एक लाइन से बढ़कर एक पूरा पैराग्राफ बन जाता है, वहां DHRUVA इस पूरी व्यवस्था को छोटा, आसान और आधुनिक बनाएगा।

अगर UPI ने हमें डिजिटल भुगतान सिखाया है, तो DHRUVA हमें डिजिटल पता देना सिखाएगा—
और शायद आने वाले वक्त में, यही हमारे घर, हमारी पहचान और हमारी सेवाओं का सबसे भरोसेमंद आधार बनेगा।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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