India Post ने फिर शुरू की अमेरिका को ‘फराल’ डिलीवरी: टैरिफ संकट के बाद घर-घर में लौटी दिवाली की मिठास

Meenakshi Arya -

Published on: October 14, 2025

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त्योहारी सीज़न में एक बार फिर प्रवासी भारतीयों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। India Post ने आखिरकार अमेरिका के लिए ‘फराल’ यानी दिवाली के पारंपरिक मिठाई-पकवानों की डिलीवरी सेवा फिर से शुरू कर दी है। कुछ महीनों से यह सेवा रोक दी गई थी क्योंकि अमेरिकी सरकार की नई शुल्क (टैरिफ) नीतियों ने डाक व्यवस्था को मुश्किल में डाल दिया था। अब विभाग ने ‘सावधानीपूर्वक परीक्षण चरण’ में यह सेवा दोबारा शुरू की है, जिससे कई परिवारों में दीवाली की तैयारी फिर से रौनक से भर गई है।

🇮🇳 क्यों रुकी थी सेवा

कुछ समय पहले अमेरिका ने छोटे पार्सल पर मिलने वाली ड्यूटी-फ्री छूट को खत्म कर दिया था। यानी अब $100 से ऊपर के पार्सल पर शुल्क देना अनिवार्य हो गया। इससे भारतीय ग्राहकों के लिए वहाँ उपहार और मिठाइयाँ भेजना महंगा पड़ गया। नतीजा यह हुआ कि India Post को अस्थायी रूप से यह सेवा रोकनी पड़ी क्योंकि डाक व्यवस्था को अमेरिकी शुल्क और कस्टम से जुड़ी तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था।

अब विभाग ने घोषणा की है कि अमेरिका को भेजे जाने वाले पार्सल का मूल्य 100 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹8,000) से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे कम मूल्य के पार्सल बिना बाधा भेजे जा सकेंगे।

नए नियम और सावधानियाँ

India Post के अनुसार, भेजे जाने वाले हर पार्सल के साथ एक इनवॉइस (बिल) और सामग्री सूची अनिवार्य होगी। इसके साथ ही, भेजने वाले को एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा, जिसमें यह उल्लेख होगा कि यदि पार्सल लौट आता है, तो शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।

इसके अलावा, अब हर पैकेज पर उसका सटीक वजन और मूल्य साफ-साफ लिखा होना चाहिए ताकि किसी तरह की पारदर्शिता की कमी न रहे। डाक विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम इसलिए ज़रूरी था ताकि अमेरिकी सीमा शुल्क (कस्टम्स) से पार्सल आसानी से क्लियर हो सकें।

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पुणे से लेकर मुंबई तक – घरों में लौटी उम्मीद

पुणे, मुंबई और नागपुर जैसे शहरों से हजारों प्रवासी भारतीय हर साल दीपावली पर अपने परिवारों को ‘फराल’ भेजते हैं — जैसे चकली, लड्डू, करंजी, चिवड़ा और नमकीन। 2024 में केवल पुणे से ही करीब 18,000 किलोग्राम फराल विदेश भेजा गया था।

सेवा रुकने के बाद लोगों को महंगे निजी कूरियर का सहारा लेना पड़ा, जिसकी लागत कई गुना ज़्यादा थी। अब India Post की सेवा शुरू होने से लोगों को फिर से सस्ती और भरोसेमंद सुविधा मिल रही है।

एक महिला, जो अपने बेटे को अमेरिका में पढ़ाई करवा रही हैं, ने बताया — “पिछले साल मुझे ₹7,000 सिर्फ मिठाई भेजने में खर्च हुए। अब पोस्ट ऑफिस खुलने से राहत मिली है, क्योंकि सरकारी डाक हमेशा भरोसेमंद रही है।”

डाक विभाग की रणनीति

India Post ने स्पष्ट किया है कि यह सेवा अभी “पायलट प्रोजेक्ट” के रूप में शुरू की गई है। यदि सब कुछ सुचारू रहा, तो इसे स्थायी रूप से लागू किया जाएगा और बाद में कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों तक बढ़ाया जा सकता है।

विभाग ने बताया कि कुछ देशों के साथ अब भी तकनीकी या नीतिगत समस्याएँ हैं। उदाहरण के लिए, कनाडा के लिए अभी सेवा बंद है क्योंकि वहाँ डाक कर्मचारियों की हड़ताल जारी है।

फिलहाल, विभाग का लक्ष्य है कि अमेरिका को भेजे जाने वाले पार्सल बिना देरी और विवाद के पहुँचें। इसके लिए उन्होंने अमेरिका की डाक सेवा (USPS) के साथ नई प्रक्रिया तय की है ताकि किसी पार्सल को कस्टम्स में रोका न जाए।

श्रेणीविवरण
सेवा की स्थितिपरीक्षण मोड में दोबारा शुरू
पार्सल सीमाअधिकतम मूल्य $100 (₹8,000) तक
चालान आवश्यकदुकानों से खरीदे गए सामान के लिए ज़रूरी
वापसी नीतिपार्सल लौटने पर शुल्क वापसी नहीं
संभावित विस्तारअमेरिका के बाद अन्य देशों तक सेवा बढ़ाने की योजना

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निष्कर्ष

त्योहारी मौसम में India Post का यह फैसला न केवल भावनाओं से जुड़ा है, बल्कि यह भारत की डाक व्यवस्था की विश्वसनीयता को भी दिखाता है। चुनौतियों के बीच भी विभाग ने समाधान खोज निकाला, ताकि परिवारों के बीच प्यार और परंपरा की मिठास बनी रहे।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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