फर्जी राजनीतिक चंदे पर सख्ती: Income Tax Department ने करदाताओं को भेजे SMS और ई-मेल

Meenakshi Arya -

Published on: December 16, 2025

देश में कर प्रणाली को पारदर्शी बनाने की दिशा में income tax department ने एक और अहम कदम उठाया है। हाल ही में विभाग ने हजारों करदाताओं को SMS और ई-मेल भेजकर उन पर फर्जी राजनीतिक दान (Political Donation) का दावा करने को लेकर सवाल उठाए हैं। यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिन्होंने आयकर रिटर्न में टैक्स छूट पाने के लिए संदिग्ध या गलत राजनीतिक चंदे दिखाए हैं।

क्या है पूरा मामला?

Income Tax Department: आयकर विभाग को जांच के दौरान पता चला कि बड़ी संख्या में करदाताओं ने कुछ चुनिंदा राजनीतिक दलों या ट्रस्टों को दान देने का दावा किया है। हैरानी की बात यह रही कि इन दान राशियों के बदले कोई पुख्ता दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड या वैध रसीद उपलब्ध नहीं कराई गई। कई मामलों में दान सिर्फ कागजों पर दिखाया गया, जबकि असल में पैसा कभी दिया ही नहीं गया।

इसी के बाद income tax department ने टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स की मदद से ऐसे मामलों की पहचान की और संबंधित करदाताओं को सीधे संदेश भेजकर स्पष्टीकरण मांगा।

SMS और ई-मेल में क्या कहा गया है?

Income tax department: करदाताओं को भेजे गए संदेशों में साफ शब्दों में कहा गया है कि यदि उन्होंने किसी राजनीतिक दल को दान देने का दावा किया है, तो उसके वैध प्रमाण उपलब्ध कराएं। यदि दावा गलत पाया गया, तो आयकर कानून के तहत जुर्माना, ब्याज और आगे की जांच की जा सकती है।

विभाग ने करदाताओं को यह भी विकल्प दिया है कि वे अपनी गलती स्वीकार कर स्वेच्छा से रिटर्न में संशोधन कर लें, जिससे आगे की सख्त कार्रवाई से बचा जा सके।

Also Read: Retirement Age Decrease: सिर्फ 30 साल नौकरी? कर्मचारियों में डर या राहत – क्या बोले अफसर.

राजनीतिक दान पर टैक्स छूट का नियम

आयकर कानून के तहत राजनीतिक दलों को दिए गए दान पर टैक्स छूट का प्रावधान है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें जरूरी हैं। दान नकद में नहीं होना चाहिए, भुगतान बैंकिंग माध्यम से होना चाहिए और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल या ट्रस्ट को ही दान दिया जाना चाहिए।

समस्या तब खड़ी हुई जब कुछ लोगों ने इस छूट का गलत फायदा उठाने की कोशिश की। फर्जी रसीदें बनवाकर या बिना दान दिए ही छूट का दावा कर दिया गया।

सरकार की सख्त नजर

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह अभियान सिर्फ शुरुआत है। आने वाले समय में income tax department ऐसे और मामलों की गहन जांच कर सकता है। खासकर उन दान संस्थाओं और राजनीतिक संगठनों की भी जांच होगी, जिनके नाम पर बार-बार संदिग्ध दान दिखाया गया है।

सरकार का मानना है कि टैक्स चोरी सिर्फ राजस्व का नुकसान नहीं है, बल्कि यह ईमानदार करदाताओं के साथ भी अन्याय है।

करदाताओं के लिए क्या सबक?

इस कार्रवाई से साफ संदेश जाता है कि टैक्स रिटर्न भरते समय किसी भी तरह की गलत जानकारी देना अब आसान नहीं रहा। तकनीक के दौर में विभाग के पास हर लेन-देन को ट्रैक करने की क्षमता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि करदाताओं को केवल वही छूट लेनी चाहिए, जिसके लिए उनके पास पूरे दस्तावेज और वास्तविक लेन-देन का प्रमाण हो।

Also Read: ITR फाइलिंग की आख़िरी तारीख़: अब ‘income tax itr filing due date extension’ का कोई सहारा नहीं

Income Tax Department निष्कर्ष

फर्जी राजनीतिक दान के मामलों पर income tax department की यह कार्रवाई साफ तौर पर दिखाती है कि अब टैक्स सिस्टम में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। डिजिटल निगरानी और डेटा एनालिटिक्स के दौर में गलत दावे करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि कानूनी परेशानी भी खड़ी कर सकता है। यह कदम उन करदाताओं के लिए सख्त संदेश है जो टैक्स छूट का गलत फायदा उठाने की सोचते हैं, वहीं ईमानदारी से रिटर्न भरने वालों के लिए यह भरोसे को मजबूत करता है। आने वाले समय में इस तरह की जांच और तेज होने की संभावना है, इसलिए करदाताओं के लिए जरूरी है कि वे सही जानकारी, वैध दस्तावेज और पारदर्शी लेन-देन के साथ ही टैक्स से जुड़ा कोई भी दावा करें।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

Leave a Comment