IEX: जब शेयर बाजार में अचानक से कोई बड़ी हलचल होती है, तो हर निवेशक का दिल थम सा जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ Indian Energy Exchange (IEX) के साथ, जब इसके शेयरों ने 20% तक की भारी गिरावट दर्ज की। यह गिरावट इतनी तीव्र थी कि शेयर सीधे लोअर सर्किट पर पहुंच गया और 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर को छू गया। ऐसे हालात में, आम निवेशक से लेकर दिग्गज ट्रेडर्स तक सभी हैरान हैं।
CERC के फैसले ने मचाया हलचल

इस गिरावट की बड़ी वजह बना है CERC यानी केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग का वह फैसला, जिसमें उन्होंने “मार्केट कपलिंग” के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मार्केट कपलिंग का सीधा मतलब है कि अब भारत में पावर एक्सचेंज को एकीकृत रूप से काम करना होगा, जिससे बिजली की कीमतें पूरे देश में समान होंगी और प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी। IEX जैसे स्वतंत्र प्लेटफॉर्म्स के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि अब उनका वॉल्यूम और प्रभाव सीमित हो सकता है।
IEX को हो सकता है दीर्घकालिक असर
IEX ने पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिसिटी ट्रेडिंग का एक बड़ा भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बनाया था। लेकिन अब मार्केट कपलिंग से यह आशंका है कि इसके राजस्व और लाभप्रदता पर सीधा असर पड़ेगा। बाजार की प्रतिक्रिया को देखकर लगता है कि निवेशकों ने इस निर्णय को IEX के लिए एक खतरे के रूप में देखा है।
क्या मार्केट कपलिंग से मिलेगी पारदर्शिता

हालांकि, यह भी जरूरी है कि इस फैसले को लंबी अवधि के नजरिए से देखा जाए। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्केट कपलिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी और बिजली की कीमतों में स्थिरता आएगी, जिससे पूरे सेक्टर को फायदा हो सकता है। लेकिन छोटे समय के निवेशकों के लिए यह स्थिति जरूर चिंता की वजह बनी हुई है।
IEX के शेयरों में आई ये गिरावट एक बड़ा संकेत है कि सरकारी नीतियों का सीधा असर बाजार की दिशा पर पड़ता है। ऐसे में हर निवेशक को सतर्क रहने और सही जानकारी के आधार पर फैसले लेने की ज़रूरत है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी शेयर बाजार में निवेश के लिए किसी तरह की सिफारिश नहीं है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।