Aequs IPO में जबरदस्त उत्साह, तीसरे दिन बढ़ी भीड़—निवेशकों की नज़र अब एलॉटमेंट पर

Meenakshi Arya -

Published on: December 5, 2025

Aequs IPO: देश के बाजार में इस हफ्ते सबसे ज्यादा चर्चा जिस मुद्दे पर रही, वह है Aequs IPO। तीसरे दिन भी इस इश्यू में जोरदार भीड़ देखने को मिली और बोली लगाने वालों की संख्या उम्मीद से कहीं ज्यादा रही। कंपनी के कारोबार, उसके क्षेत्र और भविष्य की संभावनाओं ने निवेशकों को आकर्षित किया है। वहीं कुछ लोग सिर्फ लिस्टिंग गेन के इरादे से भी इसमें उतर रहे हैं।

Aequs Limited ने इस IPO के ज़रिए अपने विस्तार की तैयारी की है। कंपनी एयरोस्पेस, प्रिसिजन इंजीनियरिंग और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसी उन इंडस्ट्रीज़ में काम करती है जहां स्थिरता के साथ लंबे समय की संभावनाएँ भी रहती हैं। शायद यही वजह है कि पहले दिन से ही इस IPO को अच्छी प्रतिक्रिया मिली।

सब्सक्रिप्शन में बढ़त—तीसरे दिन तक माहौल गर्म

Aequs IPO का प्राइस बैंड ₹118 से ₹124 प्रति शेयर तय किया गया है, और न्यूनतम लॉट 120 शेयरों का है। तीसरे दिन तक सब्सक्रिप्शन का स्तर लगातार चढ़ता ही गया। खुदरा निवेशक, एनआईआई और क्यूआईबी—तीनों वर्गों से मजबूत भागीदारी देखने को मिली।

खुदरा निवेशक खास तौर पर इस IPO में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कई लोगों को उम्मीद है कि लिस्टिंग के दिन अच्छी कीमत मिल सकती है। वहीं अनुभवी निवेशकों का मानना है कि कंपनी जिस सेगमेंट में काम कर रही है, वहां आने वाले वर्षों में मांग और बढ़ेगी, जिससे कंपनी की आमदनी और मार्जिन पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।

Aequs क्या करती है, और इसकी तरफ लोगों का ध्यान क्यों गया?

Aequs Limited उन कंपनियों में शामिल है जो भारत की एयरोस्पेस सप्लाई चेन को दुनिया में एक पहचाना हुआ नाम बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। कंपनी एयरबस जैसी कई बड़ी वैश्विक कंपनियों को पुर्जे और तैयार पार्ट्स सप्लाई करती है। इसके पास मशीनिंग, फोर्जिंग, ट्रीटमेंट, असेम्बली—सब कुछ एक ही जगह उपलब्ध है, जिसे उद्योग की भाषा में “इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम” कहा जाता है।

इस तरह की कंपनियाँ भारत में कम हैं, और Aequs की यही खासियत इसे बाकी आम मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से अलग करती है। जब किसी कंपनी के पास पूरी वैल्यू-चेन पर पकड़ हो, तो उसका समय, लागत और क्वालिटी पर बेहतर नियंत्रण रहता है—और यही चीज निवेशकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है।

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लिस्टिंग गेन की उम्मीद—लेकिन सतर्क रहना भी जरूरी

Aequs IPO में बढ़ते सब्सक्रिप्शन के बाद बाजार में यह चर्चा भी तेज है कि इसका लिस्टिंग प्रीमियम अच्छा मिल सकता है। कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि लिस्टिंग के दिन शेयर प्राइस अपने प्राइस-बैंड से ऊपर खुल सकता है। कुछ अनौपचारिक बाजार संकेत यह भी बता रहे हैं कि ग्रे-मार्केट में इस IPO की अच्छी मांग है।

लेकिन सिर्फ इस उम्मीद पर निवेश करना समझदारी नहीं माना जाता। एयरोस्पेस इंडस्ट्री लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन करती है, लेकिन इसमें ग्लोबल फैक्टर्स का असर भी रहता है। डॉलर की चाल, इंटरनेशनल ऑर्डर्स, सप्लाई-चेन लागत—इन सब चीज़ों का प्रभाव कंपनी के बिजनेस पर पड़ता है।

यही वजह है कि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि आप सिर्फ लिस्टिंग गेन चाह रहे हैं तो सीमित रकम से ही बोली लगाएं। और अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो कंपनी की मुनाफेदारी, पिछले ऑर्डर्स, और मैनेजमेंट की नीति को समझना जरूरी है।

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Aequs IPO निष्कर्ष

Aequs IPO ने बाज़ार में अच्छी छाप छोड़ी है। इसके व्यवसाय की प्रकृति, ग्लोबल क्लाइंट लिस्ट और इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सेट-अप इसे एक संभावनाओं से भरी कंपनी बनाते हैं। तीसरे दिन तक के सब्सक्रिप्शन ने यह भी साफ कर दिया है कि निवेशकों का भरोसा इस कंपनी में बढ़ रहा है।

लेकिन हर निवेश की तरह, यहां भी जोखिम मौजूद हैं। लिस्टिंग से फायदे की उम्मीद सही है, लेकिन इससे आगे कंपनी की असली परख उसके कामकाज और भविष्य के नतीजों से होगी।

अगर आप चाहें, तो मैं Aequs के साथ उन अन्य IPOs की भी जानकारी दे सकता हूं जो जल्द आने वाले हैं—ताकि आपके पास तुलना का पूरा मौका हो।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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