गाज़ियाबाद — हरियाणवी फिल्मों के मशहूर अभिनेता और निर्देशक Uttar Kumar इन दिनों सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी कोई नई फिल्म नहीं बल्कि गंभीर आरोप हैं। गाज़ियाबाद पुलिस ने उन्हें एक महिला सहकर्मी के आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया है। आरोप है कि Uttar Kumar ने काम दिलाने के बहाने कई बार उसका यौन शोषण किया और विरोध करने पर धमकाया।
पीड़िता की कहानी
नोएडा की रहने वाली एक युवती, जो खुद भी अभिनय जगत से जुड़ी है, ने पुलिस को बताया कि साल 2020 से 2023 के बीच वह लगातार प्रताड़ना झेलती रही। उसके अनुसार, Uttar Kumar ने फिल्मों में मौके देने का वादा किया और इसी बहाने उसके साथ जबरन संबंध बनाए। जब उसने विरोध किया तो उसे करियर खराब करने की धमकी दी गई।
युवती ने पहले भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कार्रवाई न होने से वह निराश हो गई। इस हताशा ने उसे इतना तोड़ दिया कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश तक कर डाली। यह कदम समाज और सिस्टम दोनों पर सवाल उठाता है—क्या एक महिला की आवाज़ सुनने के लिए उसे इतना बड़ा खतरा मोल लेना पड़ेगा?

गिरफ्तारी का पल
गाज़ियाबाद पुलिस को इनपुट मिला कि Uttar Kumar अमरोहा के अपने फार्महाउस में मौजूद हैं। वहां छापेमारी की गई और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालत सामान्य होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
आरोप और धाराएँ
इस मामले में उन पर आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 506 (धमकी) और एससी/एसटी एक्ट की धाराएँ लगाई गई हैं। एफआईआर जून 2025 में दर्ज हुई थी, लेकिन गिरफ्तारी अब जाकर हुई। यह देरी भी लोगों को परेशान कर रही है कि आखिरकार कार्रवाई में इतना वक्त क्यों लगा।
समाज में चर्चा
Uttar Kumar का नाम हरियाणवी फिल्मों में सम्मान से लिया जाता रहा है। उनकी फिल्में अक्सर गांव और आम लोगों की कहानियों पर आधारित होती थीं। लेकिन इन आरोपों ने उनकी छवि पर गहरी चोट पहुंचाई है। फिल्म जगत में हलचल है और दर्शक भी हैरान हैं कि स्क्रीन पर गांव का नायक दिखने वाला चेहरा निजी जीवन में ऐसे आरोपों में फंस गया।
पीड़िता की हिम्मत
Uttar Kumar: इस मामले की सबसे बड़ी सीख यही है कि पीड़िता ने अपने डर को पीछे छोड़ते हुए आवाज़ उठाई। उसने समाज को दिखाया कि न्याय के लिए लड़ना आसान नहीं होता, खासकर तब जब सामने नामी चेहरे और पैसा हो। लेकिन उसकी जिद ने साबित किया कि सच को सामने लाने का साहस हर कीमत पर ज़रूरी है।
आगे क्या?
अब मामला अदालत में चलेगा और सबकी निगाहें इस पर होंगी कि जांच कितनी पारदर्शी होती है। यदि आरोप साबित होते हैं तो यह फैसला न सिर्फ पीड़िता बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए संदेश होगा जो चुप रह जाने को मजबूर हो जाती हैं। और यदि आरोप झूठे साबित होते हैं तो भी यह स्पष्ट होना चाहिए कि किसी की प्रतिष्ठा पर आंच न आए।
निष्कर्ष
Uttar Kumar की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, यह उस संघर्ष की कहानी है जो हर वह महिला लड़ती है जो न्याय की राह पर कदम रखती है। यह मामला हमें याद दिलाता है कि न्याय तंत्र तेज और निष्पक्ष होना चाहिए। सबसे बड़ी ज़रूरत यही है कि महिलाएँ बिना डर के अपनी बात कह सकें और उन्हें समय पर न्याय मिले। समाज तभी सही मायने में सुरक्षित बनेगा।
न्याय उनकी प्रक्रिया में ही है — जब सुनिश्चित होगा कि कानून को हाथों-हाथ लिया जाए, कि मोहलत ना दी जाए, कि भय के बिना कोई भी पीड़ित अपनी बात कह सके — तभी समाज में इंसाफ की उम्मीद जग सकेगी।




