The Wire: कभी-कभी जब देश का नाम ऊँचा करने की जरूरत होती है, कुछ लोग उसे नीचा दिखाने की कोशिश में लग जाते हैं। कुछ ऐसा ही हालिया मामला सामने आया है, जिसमें The Wire नामक पोर्टल ने भारतीय वायुसेना के अधिकारी के बयान को तोड़-मरोड़कर अपने राजनीतिक एजेंडे को हवा दी है। इस बार निशाने पर है भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर और प्रधानमंत्री मोदी की सरकार।
सच्चाई क्या है? ऑपरेशन सिंदूर का असली मकसद

मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक दर्दनाक आतंकी हमला हुआ, जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों ने हिंदू यात्रियों की पहचान कर क्रूरता से उन्हें मौत के घाट उतार दिया। यह न सिर्फ एक आतंकी हमला था, बल्कि भारत को सांप्रदायिक रूप से बांटने की एक घिनौनी कोशिश भी। जवाब में भारत सरकार ने सिर्फ निंदा तक सीमित न रहते हुए ऑपरेशन सिंदूर नाम से एक सटीक सैन्य जवाब दिया।
इस ऑपरेशन का मकसद था पाकिस्तान में छिपे आतंकी अड्डों को खत्म करना, न कि युद्ध छेड़ना। यह एक जिम्मेदार राष्ट्र की तरह सीमित और सटीक प्रतिक्रिया थी, ताकि दुनिया को यह संदेश जाए कि भारत आतंक के खिलाफ खड़ा है न कि किसी देश की संप्रभुता के खिलाफ।
The Wire का भ्रमजाल: ‘राजनीतिक दबाव’ या जिम्मेदार नीति?
The Wire ने अपने लेख में लिखा कि IAF के अधिकारी कैप्टन (IN) शिव कुमार ने “राजनीतिक दबावों” की वजह से भारत को अपने विमान गंवाने पड़े, क्योंकि उन्हें पाकिस्तानी सेना पर हमला न करने की राजनीतिक सीमा में काम करना पड़ा। लेकिन यही बात, अगर पूरी पढ़ी जाए, तो समझ आता है कि यह कोई दबाव नहीं था, बल्कि एक सटीक रणनीति थी।
कैप्टन शिव कुमार ने बताया कि पहले चरण में भारत ने सिर्फ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया, ताकि युद्ध की स्थिति से बचा जा सके। लेकिन जब पाकिस्तान ने अपने आतंकी नेटवर्क की रक्षा के लिए वायुसेना और रक्षा प्रणाली तैनात कर दी, तब भारत ने भी नीति बदली और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। यही सैन्य समझदारी होती है हालात के अनुसार रणनीति बदलना।
विमान की हानि: अफसोसनाक लेकिन असामान्य नहीं
वायुसेना के किसी विमान का खो जाना हमेशा दुखद होता है, लेकिन यह किसी भी सैन्य अभियान में सामान्य बात मानी जाती है। चाहे अमेरिका हो, इजराइल हो या रूस हर देश को अपनी सैन्य कार्रवाइयों में ऐसी क्षति झेलनी पड़ती है। भारत भी इससे अछूता नहीं है, और ऐसा होना सरकार की विफलता नहीं, बल्कि युद्ध की वास्तविकता है।
भारत की वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के एयरबेस, रडार और लड़ाकू विमानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया। ब्रह्मोस जैसी स्टैंड-ऑफ मिसाइलों के जरिए बिना सीमा पार किए दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह रणनीति विश्व के बेहतरीन सैन्य अभियानों में गिनी जा सकती है।
The Wire का एजेंडा: जब ताकत भी बुरी लगती है
चौंकाने वाली बात ये है कि वही कथित बुद्धिजीवी जो भारत की हर सैन्य कार्रवाई को “नाभिकीय युद्ध” की ओर धकेलने वाला कदम कहते हैं, अब यही लोग सरकार को “कमज़ोर” बता रहे हैं कि उन्होंने शुरुआत में ही पाकिस्तान पर पूरा हमला क्यों नहीं किया। जब हमला करते हैं तब आलोचना, और जब रणनीति से चलते हैं तब भी आलोचना The Wire का असली उद्देश्य शायद सिर्फ सरकार को कटघरे में खड़ा करना ही रह गया है।
देश की सुरक्षा से बड़ा कोई एजेंडा नहीं

ऑपरेशन सिंदूर एक उदाहरण है कि भारत अब सिर्फ सहने वाला राष्ट्र नहीं रहा। यह बताता है कि देश आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है, और जब भी जरूरत पड़ी, वह एक संतुलित लेकिन निर्णायक जवाब देने में सक्षम है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ मीडिया संस्थान झूठे नैरेटिव फैलाकर इस आत्मविश्वास को तोड़ने की कोशिश करते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख खुले स्रोतों, सार्वजनिक बयानों और घटनाओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य सही तथ्यों को सामने लाना है, न कि किसी राजनीतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी समाचार पर अपनी राय बनाने से पहले विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से पुष्टि करें।