Delhi metro — राजधानी दिल्ली एक बार फिर तैयार है ऊर्जा, उत्साह और जज्बे के उस नज़ारे को देखने के लिए, जब हजारों कदम एक साथ सड़कों पर दौड़ेंगे। इस रविवार होने वाली Vedanta Delhi Half Marathon 2025 में दुनिया भर के शीर्ष एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं। इस बार का आयोजन खास इसलिए भी है क्योंकि कई दिग्गज खिलाड़ी चोटों से उबरकर मैदान में लौट रहे हैं। वहीं, दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपने स्तर पर शानदार तैयारियां की हैं।
चोटों से वापसी: हिम्मत की मिसाल

Delhi metro: इस बार की मैराथन की सबसे बड़ी बात यह है कि कई अनुभवी धावक लंबे समय बाद वापसी कर रहे हैं। इनमें Birhanu Legese, Alemaddis Eyayu, और Lilian Rengeruk जैसे नाम शामिल हैं — जिन्होंने चोटों और कठिन दौर के बावजूद अपनी तैयारी जारी रखी।
इन खिलाड़ियों के लिए यह सिर्फ एक दौड़ नहीं बल्कि खुद को फिर से साबित करने की जंग है। वे दिखाना चाहते हैं कि मनोबल और निरंतर प्रयास के आगे कोई बाधा स्थायी नहीं होती।
Birhanu Legese, जो इससे पहले दो बार दिल्ली हाफ मैराथन जीत चुके हैं, ने कहा,
“दिल्ली मेरे लिए हमेशा भाग्यशाली रही है। इस बार लौटकर ऐसा लग रहा है जैसे घर वापसी हो रही हो।”
दिल्ली मेट्रो की अहम भूमिका
हर साल की तरह इस बार भी Delhi metro ने धावकों और दर्शकों के लिए खास इंतज़ाम किए हैं।
- मैराथन के दिन कुछ रूटों पर अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी ताकि ट्रैफिक और भीड़ की समस्या से बचा जा सके।
- कई प्रमुख स्टेशनों पर विशेष सहायता डेस्क लगाई गई हैं, जहां से प्रतिभागी मार्ग और आयोजन से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- मेट्रो स्टाफ को भी आयोजन के दौरान सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह कदम दिल्ली मेट्रो के उस प्रयास का हिस्सा है जिसमें वह न सिर्फ परिवहन बल्कि सामाजिक सहयोग का भी माध्यम बन चुकी है।
भागीदारी और ऊर्जा
Delhi metro: इस बार करीब 40,000 से अधिक धावक विभिन्न श्रेणियों में हिस्सा ले रहे हैं — जिनमें पेशेवर एथलीट्स से लेकर आम नागरिक, फिटनेस प्रेमी, और बुजुर्ग धावक तक शामिल हैं।
दिल्ली की सड़कों पर इन दिनों सुबह से ही जोश का माहौल है। प्रतिभागी न केवल जीतने बल्कि खुद को परखने की भावना के साथ मैदान में उतर रहे हैं।
कई धावक सामाजिक संदेश भी लेकर दौड़ रहे हैं — जैसे “स्वच्छ दिल्ली, स्वस्थ भारत” और “रन फॉर फिटनेस”।
प्रेरणा की कहानियाँ
Delhi metro: इस आयोजन में ऐसे कई चेहरे हैं जिनकी कहानियाँ सुनकर मन गर्व से भर उठता है।
प्रशांत सक्सेना, जिन्होंने कैंसर को मात दी और अब हर साल इस मैराथन में दौड़ते हैं, कहते हैं —
“मेरे लिए हर किलोमीटर जीवन की नई उम्मीद है।”
वहीं, रश्मि मोहंती, जो तीन साल पहले पैर में गंभीर चोट के बाद फिर से दौड़ में लौटी हैं, बताती हैं कि यह आयोजन उनके लिए सिर्फ खेल नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की पुनः प्राप्ति है।
| क्रमांक | विषय | विवरण |
|---|---|---|
| 1 | आयोजन स्थल | जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली |
| 2 | प्रतिभागियों की संख्या | लगभग 40,000 धावक |
| 3 | मुख्य आकर्षण | चोट से उबरकर लौटे एलीट एथलीट्स |
| 4 | सहयोग | दिल्ली मेट्रो द्वारा विशेष सुविधा व्यवस्था |
| 5 | सामाजिक संदेश | स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण |
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Delhi metro निष्कर्ष
दिल्ली हाफ मैराथन सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि यह जज्बे, मेहनत और आत्मबल की प्रतीक बन चुकी है। जब हजारों धावक एक साथ दौड़ते हैं, तो वह केवल जीत की तरफ नहीं बल्कि जीवन की नई ऊर्जा की ओर भी कदम बढ़ा रहे होते हैं।
दिल्ली मेट्रो का सहयोग इस आयोजन को और भी खास बना देता है — क्योंकि जब शहर का परिवहन तंत्र और नागरिक एक साथ आगे बढ़ते हैं, तो यह केवल एक दौड़ नहीं रहती, बल्कि पूरे शहर की गति बन जाती है।
यह मैराथन बताती है कि गिरना अंत नहीं है — असली जीत तो तब होती है जब कोई फिर से उठकर दौड़ने का साहस करता है।




