Chandra Grahan Kab Hai:- चंद्र ग्रहण 2025: 7 सितंबर की रात दिखेगा साल का आखिरी पूर्ण ग्रहण, जानिए कब और कहाँ दिखेगा

Meenakshi Arya -

Published on: September 7, 2025

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Chandra Grahan kab hai:- नई दिल्ली, 6 सितम्बर 2025 – भारत एक बार फिर एक अद्भुत खगोलीय घटना का गवाह बनने जा रहा है। रविवार, 7 सितंबर 2025 की रात आसमान में साल का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। ज्योतिषीय मान्यताओं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण दोनों ही लिहाज़ से यह घटना बेहद खास मानी जा रही है। इस बार लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है – “Chandra Grahan Kab Hai?”

कब लगेगा चंद्र ग्रहण?

Chandra Grahan kab hai:- खगोलविदों के अनुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा।

  • पूर्ण ग्रहण का चरण: रात लगभग 11 बजे से 12:22 बजे तक चलेगा।
  • समापन: यह ग्रहण रात 1:26 बजे समाप्त होगा।

यानि कि तीन घंटे से भी अधिक समय तक लोग इस अद्भुत नजारे को अपनी आंखों से देख पाएंगे।
यह दृश्य पूरे भारत में नज़र आएगा—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और अन्य बड़े शहरों से यह साफ तौर पर देखा जा सकेगा।

“सूतक काल” और धार्मिक मान्यता

हिंदू धर्म में ग्रहण के साथ सूतक काल की परंपरा जुड़ी है।

हिंदू धर्म में ग्रहण के साथ सूतक काल की परंपरा जुड़ी है।

  • यह ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
  • यानी इस बार दोपहर 12:57 बजे से सूतक लागू होगा और ग्रहण खत्म होने तक चलेगा।

सूतक काल में पूजा-पाठ, भोजन बनाना, यात्रा करना और नए कार्य शुरू करना वर्जित माना जाता है। हालांकि, मंत्र-जप और ध्यान जैसी आध्यात्मिक क्रियाओं को इस समय बेहद फलदायी माना जाता है।

विज्ञान की नज़र से चंद्र ग्रहण

Chandra Grahan kab hai:- वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर चांद पर अपनी छाया डालती है। इस दौरान चंद्रमा नारंगी-लाल रंग का दिखाई देने लगता है, जिसे आम भाषा में “ब्लड मून” कहा जाता है।

खास बात यह है कि चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी भी विशेष चश्मे या सुरक्षा उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। इसे नग्न आंखों से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है।

क्या करें और क्या न करें?

क्या करें:

  • ग्रहण के दौरान मंत्र-जप, ध्यान, और शांति बनाए रखना शुभ माना जाता है।
  • ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान और दान करने की परंपरा है।

क्या न करें:

  • भोजन पकाना या ग्रहण के समय खाना नहीं चाहिए।
  • कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह या गृह प्रवेश वर्जित माने जाते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को बाहर जाकर ग्रहण देखने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

ज्योतिषीय असर

ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यह ग्रहण सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगा।

  • मेष, कन्या, वृश्चिक और धनु राशियों के लिए यह समय सकारात्मक बदलाव लेकर आ सकता है।
  • जबकि कर्क, मकर और कुंभ राशि वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

मुंबई और अन्य शहरों में खास इंतज़ाम

Chandra Grahan kab hai:- खासकर महानगरों जैसे मुंबई, दिल्ली और वाराणसी में खगोल संस्थान और मंदिरों ने इस घटना को देखने और समझने के लिए विशेष कार्यक्रम रखे हैं। कई खगोलशास्त्री जनता को लाइव टेलिस्कोप व्यू भी उपलब्ध कराएंगे।

निष्कर्ष

तो अब आपके सवाल का जवाब साफ है – “Chandra Grahan Kab Hai?” इसका उत्तर है 7 सितंबर की रात 9:58 बजे से 1:26 बजे तक। यह ग्रहण हर किसी के लिए खास होगा—कुछ के लिए यह एक वैज्ञानिक चमत्कार है, तो कुछ के लिए धार्मिक आस्था का प्रतीक।

इस प्राकृतिक नजारे ने एक बार फिर याद दिलाया कि विज्ञान और संस्कृति, दोनों का अपना महत्व है। चाहे आप खगोल शास्त्र का विद्यार्थी हों या पूजा-पाठ में विश्वास रखते हों—“Chandra Grahan Kab Hai?” इस सवाल का जवाब अब आपके लिए साफ है। फिर से कहता हूँ—चांद की लालिमा, और उस रात का चुप्पा रोमांच बस देखने का इंतजार कर रहा है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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