Karnataka Bank का बड़ा बदलाव: MD और ED ने दिया इस्तीफा, शेयर बाजार में दिखा असर

Rashmi Kumari -

Published on: June 30, 2025

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Karnataka Bank: जब बैंकिंग दुनिया में स्थिरता की बात आती है, तो अचानक हुई शीर्ष नेतृत्व में हिलचाल से न केवल कर्मचारियों बल्कि निवेशकों की उम्मीदों पर भी सवाल उठता है। अगस्त 29, 2025 की रात, Mangalore की नींव रखने वाला कर्नाटक बैंक इसी बदलाव की चपेट में आया। बैंक के MD और CEO श्रीकृष्ण हरि हरा शर्मा और Executive Director शेखर राव ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पदों को त्याग दिया

इस्तीफे की वजह क्या है

Karnataka Bank का बड़ा बदलाव: MD और ED ने दिया इस्तीफा, शेयर बाजार में दिखा असर

दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के अचानक इस्तीफे ने बनावट में दरार की झलक दिखाई। महज डेढ़ महीने पहले बैंक के ऑडिटर्स ने कुछ खर्चों को बोर्ड की मंजूरी के बिना किया हुआ पाया, जो उनकी नियुक्ति की सुविधा से बाहर था । हालांकि बाद में यह भी स्पष्ट हुआ कि यह आपसी समझौते से हल हो गया है, लेकिन इस बीच बोर्ड और प्रबंधन के बीच बढ़ी दूरी ने माहौल तनावपूर्ण बना दिया ।

बैंक ने की क्या प्रतिक्रिया

बैंक ने इस स्थिति से पार पाने के लिए एक COO, राघवेंद्र श्रीनिवास भट को 2 जुलाई 2025 से अंतरिम रूप से नियुक्त किया। इसके अलावा एक सर्च कमेटी बनाई गई है, ताकि सही प्रतिभा को MD और ED के पदों के लिए चुना जा सके ।

इस खबर का शेयर बाजार पर क्या असर हुआ

अगले दिन, सोम यानी 30 जून को, कर्नाटक बैंक के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। शुरुआत में यह 8.5% तक टूट गए, लेकिन दिन के दौरान थोड़ी रिकवरी के बाद करीब 5% की गिरावट के साथ बंद हुए । इस प्रतिक्रिया ने दर्शाया कि निवेशकों का विश्वास कंपनी की शीर्ष प्रबंधन स्थिरता पर टिका था।

क्या यह बैंक के लिए एक परीक्षण है

बैंक के लिए यह सिर्फ एक नेतृत्व परिवर्तन नहीं, बल्कि विश्वास और शासन प्रणाली की परीक्षा है। हालांकि बैंक का कहना है कि वे 19.85% की उच्च पूंजी पर्याप्तता बनाए हुए हैं और संचालन भी सुचारू रूप से जारी है, लेकिन सवाल यह है कि इन इस्तीफों के बाद आने वाले प्रबंधन को यह विश्वास कैसे बहाल करना होगा।

आगे क्या हो सकता है

Karnataka Bank का बड़ा बदलाव: MD और ED ने दिया इस्तीफा, शेयर बाजार में दिखा असर

अगले कुछ हफ्तों में यह स्पष्ट होगा कि सर्च कमेटी किस तरह का नेतृत्व लाती है, और क्या नया प्रबंधन बैंक को वापस ट्रैक पर ला सकेगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि ऑडिटर्स द्वारा लगाए गए खर्चों के मुद्दों को किस तरह से संस्थागत सुधारों से सुलझाया जाता है।

कर्नाटक बैंक के शीर्ष नेतृत्व के इस्तीफे ने यह स्पष्ट किया है कि चाहे संस्थाएँ कितनी भी पुरानी क्यों न हों, उनकी नींव को मजबूत बनाए रखना तब तक जरूरी है जब तक बदलाव को संभालने की क्षमता बनी रहे। यह परिवर्तन एक नए युग की शुरुआत हो सकता है—जहां नए चेहरे, नयी सोच, और मजबूत कॉर्पोरेट गवर्नेंस बैंक के भविष्य को आकार दें।

डिस्क्लेमर: यह लेख ताज़ा खबरों के आधार पर लिखा गया है और केवल जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत है। कृपया निवेश, वित्तीय निर्णय या किसी भी व्यावसायिक कार्यवाही से पहले विश्वसनीय और अधिकृत स्रोतों की पुष्टि अवश्य करें।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं The News Bullet पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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