Bengaluru एक ऐसा शहर है जिसे लोग आईटी हब और सपनों के लिए जानते हैं। लेकिन हाल ही में Whitefield इलाके से जो खबर आई, उसने इस शहर की चमक को फीका कर दिया। एक 24 वर्षीय महिला, जो पेशे से बैंक कर्मचारी है और एक को-लिविंग PG में रहती थी, अपने ही पड़ोसी के हाथों हिंसा, उत्पीड़न और ब्लैकमेल का शिकार बनी।
Bengaluru: रात का खौफनाक पल
Bengaluru: रात करीब तीन बजे महिला के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया गया। उसने सोचा कि कोई दोस्त होगा, लेकिन जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला, वहां खड़ा था उसी PG का निवासी — 37 वर्षीय द्रवप्रिय साई बाबू। जो हुआ, उसने उसकी ज़िंदगी को झकझोर दिया।
आरोप है कि साई बाबू ने पहले महिला पर चाकू से वार किया। पीठ पर गहरी चोट लगी, लेकिन हिम्मत करके वह बचाव करती रही। इसके बाद आरोपी ने उससे जबरन कपड़े उतरवाए, आपत्तिजनक तस्वीरें खींचीं और शारीरिक छेड़छाड़ की।

पैसे और धमकी का खेल
Bengaluru: हमला यहीं खत्म नहीं हुआ। आरोपी ने महिला से ₹70,000 की मांग की। महिला ने डर और मजबूरी में ₹14,000 UPI से ट्रांसफर किए। इसके साथ ही धमकी दी गई कि अगर उसने यह बात किसी से कही तो उसकी तस्वीरें सार्वजनिक कर दी जाएंगी। सोचिए, एक घायल महिला पर शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर कितना बड़ा बोझ डाल दिया गया।
पुलिस और अस्पताल का सहारा
Bengaluru: किसी तरह महिला ने हिम्मत जुटाई और एक दोस्त को संदेश भेजा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर हत्या की कोशिश, यौन शोषण, ब्लैकमेल और लूट जैसे कई गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं।
दिलचस्प यह भी है कि आरोपी ने उल्टा एक शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उसने दावा किया कि वह महिला से संबंध में था और विवाद के चलते यह सब हुआ। हालांकि, पुलिस का कहना है कि जांच निष्पक्ष और साक्ष्यों के आधार पर की जाएगी।
PG में रहने वालों की चिंता
यह घटना PG रहने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े करती है।
- क्या PG मालिकों ने पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम किए थे?
- क्या CCTV कैमरे सही से काम कर रहे थे?
- क्यों वहां नाइट वॉर्डन या इमरजेंसी कॉलिंग सुविधा नहीं थी?
स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूज़र्स इस घटना के बाद PG प्रबंधन को भी ज़िम्मेदार ठहराने की मांग कर रहे हैं।
शहर में सवाल और चिंता
यह घटना बेंगलुरु की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाती है।
- क्या PG प्रबंधन ने महिलाओं के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम किए थे?
- रात के समय कोई निगरानी क्यों नहीं थी?
- CCTV और इमरजेंसी अलर्ट जैसी सुविधाएँ क्यों नहीं चलाई गईं?
सोशल मीडिया पर लोग महिला की हिम्मत की सराहना कर रहे हैं। साथ ही यह मांग भी उठ रही है कि ऐसे मामलों में PG मालिकों और प्रबंधन को भी जवाबदेह ठहराया जाए।
निष्कर्ष
Bengaluru जैसी तेज़ रफ्तार ज़िंदगी वाले शहर में यह घटना हमें रोक कर सोचने पर मजबूर करती है। महिला ने जो झेला, वह केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। हमें यह समझना होगा कि सुरक्षा केवल दीवारों और ताले से नहीं आती, बल्कि जिम्मेदारी और सजगता से बनती है।
इस मामले में पीड़िता की हिम्मत सबसे बड़ी सीख है। उसने चुप रहने के बजाय आवाज़ उठाई और आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाया। यही साहस हमें बताता है कि डर से बड़ी ताकत इंसान की हिम्मत होती है। यह वारदात केवल एक पुलिस केस नहीं है, बल्कि हमारे समाज और व्यवस्था के लिए आईना है। Bengaluru की PG संस्कृति, जहां हजारों युवा रहते हैं, वहां सुरक्षा की परतें और मजबूत होनी चाहिए। पीड़िता की हिम्मत ने साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, सच और साहस के सामने टिक नहीं सकता।




