नई दिल्ली — देश भर के विधि aspirants के लिए आज एक महत्वपूर्ण दिन रहा क्योंकि AILET 2026 (ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट) सुचारू रूप से सम्पन्न हो गया। इस परीक्षा में लाखों छात्रों ने भाग लिया और परीक्षा केंद्र से बाहर निकलते ही छात्रों की प्रतिक्रियाएँ सामने आने लगीं। अधिकतर उम्मीदवारों का मानना है कि इस बार के पेपर की कठिनाई स्तर आसान से मध्यम रहा, जिससे कट-ऑफ मार्क्स लगभग 120-150 के बीच रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
AILET की परीक्षा हर साल राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है और यह अधिकारिक रूप से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा संपन्न कराई जाती है। इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों को NLU (नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज) में प्रवेश के बेहतरीन अवसर प्राप्त होते हैं, जिनमें NLU दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं।
पेपर का स्तर: आसान-से-मध्यम, छात्रों ने क्यों कहा ऐसा?

जिन छात्रों ने परीक्षा दी, उन्होंने मिलकर बताया कि इस साल AILET का पेपर अपेक्षित से थोड़ा आसान रहा। उदाहरण के तौर पर:
- क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड के प्रश्न समझने में सरल
- टेक्स्ट्युल एनालिसिस और लॉ लॉजिक के सवाल सीधे
- जनरल नॉलेज / करंट अफेयर्स में अपेक्षाकृत ज्ञात विषय शामिल
कई छात्रों ने यह भी कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार का पेपर तनाव-मुक्त और प्रत्यक्ष प्रश्नों पर आधारित था, जिससे एक बड़े हिस्से ने आशा जताई कि इस बार की कट-ऑफ अपेक्षाकृत आसान श्रेणी में रह सकती है।
हालाँकि कुछ अनुभाग, जैसे English comprehension और लॉ नॉलेज, ने थोड़ी गहन सोच की मांग की, लेकिन कुल मिलाकर बड़ा भाग सरल प्रतीत हुआ। छात्रों की प्रतिक्रियाएँ यह संकेत देती हैं कि यदि अधिकांश ने प्रश्नों को सही समझा और समय के हिसाब से हल किया, तो अपेक्षित कट-ऑफ 120-150 के बीच रह सकता है।
Also Read: Today ibps clerk exam analysis: शिफ्ट वाइज रिपोर्ट और उम्मीदवारों की प्रतिक्रियाएँ
क्या इसका मतलब है सभी तैयारियों का अच्छा फल मिला?
AILET की परीक्षा में सफल होना केवल पेपर का आसान या कठिन होना भर से तय नहीं होता। यह एक संतुलित तैयारी का परिणाम है — जिसमें लॉ बेसिक्स, लेख समझने की क्षमता, करंट अफेयर्स, लॉजिकल थिंकिंग और समय प्रबंधन सभी समाहित हैं।
कई छात्रों ने बताया कि उन्होंने पिछले सालों के प्रश्नपत्रों को बार-बार हल किया और अभ्यास मॉक टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया, जिससे परीक्षा में आत्मविश्वास बना रहा। वहीं कुछ छात्रों ने यह भी महसूस किया कि समय का समुचित विभाजन, विशेषकर English और लॉ लॉजिक के लिए, उन्हें बेहतर परिणाम की ओर ले जा सकता है।
कट-ऑफ अनुमान: 120-150 क्यों?
जब परीक्षा आसान-से-मध्यम स्तर पर हुई है, तो शिक्षाविदों और AILET टिप्स देने वाले कोचिंग संस्थानों ने यह अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि कट-ऑफ अपेक्षाकृत निचले स्तर पर रह सकता है।
विश्लेषकों के अनुसार:
- यदि 150 प्रश्नों में से छात्र 80-90 सही करते हैं
- नकारात्मक अंक कम बनते हैं
- कुछ अनुभागों में प्रतिस्पर्धा अपेक्षाकृत कम दिखी
तो ऐसे में कट-ऑफ लगभग 120-150 के बीच रहना संभव लगता है। यह अनुमान इसलिए भी किया जा रहा है कि पिछले वर्षों में भी इसी श्रेणी में कट-ऑफ रहा है, खासतौर पर तब जब प्रश्नों का स्तर मध्यम या आसान हो।
हालाँकि निश्चयी कट-ऑफ सिर्फ एनटीए द्वारा परिणाम जारी होने पर ही स्पष्ट होगा, लेकिन छात्रों और विशेषज्ञों दोनों के रुझान से यह अनुमान काफी हद तक सटीक माना जा रहा है।
Also Read: AIBE exam: AIBE 20 का पंजीकरण शुरू: वकालत करने का सपना देखने वालों के लिए अहम मौका
AILET निष्कर्ष
ailet 2026 की परीक्षा इस बार औसत कठिनाई स्तर के साथ संपन्न हुई है। शुरुआती प्रतिक्रियाएँ सकारात्मक रहीं तथा विशेषज्ञ कट-ऑफ को लगभग 120-150 तक रहने का अनुमान लगा रहे हैं।
अब इंतजार NTA के आधिकारिक परिणाम और मेरिट लिस्ट का है, जो आगे के प्रवेश चरण की दिशा तय करेगा।
एक बात स्पष्ट है — इस परीक्षा के बाद लाखों छात्रों को अब अपनी तैयारियों, रणनीतियों और भविष्य के कदमों पर फिर से सोचना होगा। कठिनाइयों और सकारात्मक अनुभवों के बीच से गुजरकर ही वे अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेंगे।




