क्या इस साल चांदी के भाव ₹2,00,000 के पार जाएंगे? — Silver rate पर एक करीब से नज़र

Meenakshi Arya -

Published on: December 11, 2025

Silver rate: 2025 में चांदी ने निवेशकों को ऐसा उत्साह दिया, जो कई सालों में देखने को नहीं मिला। साल की शुरुआत में जब चांदी लगभग ₹90,000 प्रति किलोग्राम के आसपास थी, तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वह लगभग ₹1,92,000 के स्तर तक पहुंच जाएगी। इस तेजी ने निवेशकों के बीच सवाल खड़ा कर दिया है — क्या silver rate इस साल के अंत तक ₹2,00,000 के पार जा सकती है?

चांदी की इस रफ़्तार ने न सिर्फ लॉकर या आभूषण खरीदने वालों को उत्साहित किया है, बल्कि निवेश में रूचि रखने वाले लोगों को भी सोचने पर मजबूर किया है कि आगे क्या हो सकता है।

Silver rate क्यों बढ़ रहा है? — पीछे की वजहें

चांदी के भाव तेजी से ऊपर जाने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ आर्थिक हैं और कुछ भावनात्मक भी:

वैश्विक मांग का बढ़ना

चांदी सिर्फ आभूषणों में ही काम नहीं आती — अब यह सोलर पैनल्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और औद्योगिक उपयोग में भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रही है। इन क्षेत्रों में वृद्धि के चलते चांदी की मांग तेजी से बढ़ी है।

सप्लाई साइड की कमी

चांदी के बड़े भंडार महज़ कुछ देशों में हैं, और खनन क्षमता पर प्रतिबंध और लागत बढ़ने से सप्लाई टाइट हो गई है। जब मांग बढ़ती है और सप्लाई कम होती है, तो भाव बढ़ना स्वाभाविक है।

ब्याज दर और निवेश का भरोसा

जब वैश्विक बाजार में अनिश्चितता होती है — जैसे डॉलर का उतार-चढ़ाव या ब्याज दरों में बदलाव — तब निवेशक सुरक्षित निवेश जैसे सोना और चांदी की ओर बढ़ते हैं। इस साल ऐसा ही माहौल रहा, जिसने chandi की ओर निवेश को प्रोत्साहन दिया।

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silver rate का इतिहास: पिछले कुछ महीनों पर एक नज़र

साल की शुरुआत में लगभग ₹90,000 पर थी चांदी।
फिर मई-जून के बीच यह ₹1,10,000 के पास आई।
और दिसंबर तक आते-आते यह लगभग ₹1,92,000 तक पहुँच चुकी है।

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि तेजी एक मामूली उछाल नहीं — बल्कि बेहद तेज़ और स्थिर रैली रही है।

₹2,00,000 का स्तर — सपना या हकीकत?

विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो चांदी एक बार ₹2,00,000 के पार भी जा सकती है — खासकर उन दिनों के लिए जब अंतरराष्ट्रीय बाजार और सप्लाई-डिमांड संतुलन अनुकूल रहे।

कुछ विशेषज्ञों की राय है कि यह स्तर पार करने के पीछे मुख्य रूप से तीन कारक काम करेंगे:

  1. औद्योगिक मांग का स्थिर रहना
  2. खुदरा निवेश की बढ़ती रुचि
  3. वैश्विक आर्थिक जोखिम की वजह से सुरक्षित निवेश की ओर रुझान

यदि उपरोक्त कारक एक साथ काम करते हैं, तो silver rate इस साल ₹2,10,000 तक या उससे भी ऊपर जा सकता है।

जोखिम भी कायम हैं — नज़र रखने वाली बातें

चांदी के भाव में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं — इसे निवेश के लिए चुनने से पहले इन बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है:

भाव कभी गिर भी सकते हैं

जब तेजी बहुत अधिक होती है, तो निवेशक प्रॉफिट लेने के लिए बेचते हैं, जिससे कीमत गिर सकती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर

दुनिया भर में मांग, डॉलर की स्थिति, ब्याज दर और आर्थिक नीतियाँ चांदी के भाव को प्रभावित करती हैं।

सप्लाई-डिमांड संतुलन

अगर सप्लाई अचानक बढ़ जाए, तो भाव ऊपर नहीं टिक सकता।

इसलिए सिर्फ तेजी पर भरोसा कर के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।

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निष्कर्ष — silver rate की यह कहानी अभी खत्म नहीं

इस साल चांदी ने खुद को एक मज़बूत निवेश विकल्प के रूप में साबित किया है। जैसा कि silver rate तेजी से ऊपर चला है, निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या ₹2,00,000 का स्तर पार होगा? विशेषज्ञों के अनुसार यह संभव है — अगर मांग बनी रहे और सप्लाई कहीं दबाव में न आए।

लेकिन निवेश सिर्फ भाव की रफ़्तार से नहीं, बल्कि समझदारी से करना चाहिए। इसलिए जब तक आप स्वयं अपने लक्ष्य, जोखिम और समय अवधि को समझकर निर्णय लेते हैं, silver rate की कहानी अभी जारी रहेगी — ऊँचाइयों को छूती और उतार-चढ़ाव के साथ।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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