Karun Nair का दर्दनाक खुलासा: “2018 में लगा जैसे किसी ने मुझे ज़मीन में गाड़ दिया हो”

Rashmi Kumari -

Published on: June 20, 2025

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Karun Nair: क्रिकेट की दुनिया में जितनी रौशनी होती है, उतना ही अंधेरा भी छुपा होता है। हर खिलाड़ी के पीछे संघर्ष, त्याग और कभी-कभी टूटे सपनों की कहानी होती है। ऐसी ही एक कहानी फिर से चर्चा में है Karun Nair की, जिन्होंने सालों बाद 2018 में भारतीय टीम से बाहर किए जाने का अपना दर्द बयां किया है। Karun Nair का कहना है कि उस समय उन्हें ऐसा लगा जैसे किसी ने उन्हें ज़मीन में गाड़ दिया हो।

तिहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ को मिला उपेक्षा का इनाम

Karun Nair वो नाम हैं जिन्होंने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाकर इतिहास रच दिया था। लेकिन उसके बावजूद, अगले ही कुछ मैचों में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। और जब 2018 में वह वापसी की उम्मीद कर रहे थे, तब कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री की जोड़ी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।

Karun Nair ने इस पूरे घटनाक्रम को याद करते हुए कहा, “मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझे ज़मीन में धकेल दिया हो। मुझे पता ही नहीं चला कि अचानक मैं प्लान का हिस्सा क्यों नहीं रहा। ना कोई बात हुई, ना ही कोई स्पष्टीकरण।”

भावनात्मक झटका और आठ साल का इंतज़ार

एक खिलाड़ी के लिए सबसे कठिन समय वो होता है जब वह प्रदर्शन करता है, लेकिन उसे फिर भी मौका नहीं दिया जाता। Karun Nair ने आठ साल तक इंतज़ार किया है, मेहनत की है, और खुद को मानसिक रूप से संभाल कर रखा है। उन्होंने कहा कि “मैंने कभी शिकायत नहीं की, बस चुपचाप मेहनत करता रहा। लेकिन अंदर ही अंदर वो तकलीफ हमेशा रही कि मुझे बिना कारण बाहर किया गया।”

अब करुण को है नई शुरुआत की उम्मीद

Karun Nair का नाम एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि लीड्स में शुक्रवार को वह मैदान पर लौट सकते हैं और अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। यह सिर्फ एक वापसी नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान, धैर्य और जज़्बे की जीत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब बीते कल को पीछे छोड़कर भविष्य की ओर देख रहे हैं।

भारतीय क्रिकेट में संवाद की कमी

Karun Nair का दर्दनाक खुलासा: "2018 में लगा जैसे किसी ने मुझे ज़मीन में गाड़ दिया हो"

यह घटना भारतीय क्रिकेट की उस सच्चाई को भी उजागर करती है, जहां कई बार खिलाड़ियों को स्पष्ट रूप से कारण नहीं बताए जाते। Karun Nair की बातों से यह साफ होता है कि खिलाड़ियों को मानसिक रूप से तोड़ा नहीं जाना चाहिए। हर खिलाड़ी एक इंसान होता है, जिसकी उम्मीदें होती हैं, भावनाएं होती हैं। चयन प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए ताकि कोई भी प्रतिभा सिर्फ राजनीति या चुप्पी का शिकार न हो।

डिस्क्लेमर: यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत विचार और अनुभव संबंधित व्यक्ति के अपने हैं। हमारा उद्देश्य केवल पाठकों तक सटीक और भावनात्मक जानकारी पहुंचाना है, न कि किसी पर आरोप लगाना। कृपया किसी भी जानकारी को व्यक्तिगत राय के रूप में न लें।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं The News Bullet पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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