नई दिल्ली — भारतीय शेयर बाजार के सबसे पुराने और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म BSE (Bombay Stock Exchange) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी का लक्ष्य निवेशकों को बिना लाइसेंस वाले या अवैध निवेश सलाहकारों की ओर से मिलने वाले निवेश सुझावों के प्रति सचेत करना है। BSE ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे सुझाव कई बार निवेशकों को भ्रमित करते हैं और सीधे उनके धन को जोखिम में डाल सकते हैं।
वर्तमान समय में डिजिटल प्लेटफॉर्मों और सोशल मीडिया के ज़रिये फर्जी सलाहकारों का प्रभाव बढ़ा है। वे झूठे वादों और भारी रिटर्न के दावों के साथ लोगों को आकर्षित करते हैं, लेकिन अंत में निवेशकों को भारी नुक़सान उठाना पड़ता है। इसी घोर चिंता को देखते हुए BSE ने अपने निवेशक समुदाय को जागरूक करने के लिये यह अपील की है।
क्या है BSE की चेतावनी का मूल संदेश?

BSE ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई भी संस्थागत या आधिकारिक सलाह केवल मान्यता प्राप्त निवेश सलाहकारों के ज़रिये ही दी जानी चाहिए.
अगर कोई व्यक्ति, समूह या वेबसाइट बिना लाइसेंस के आपको स्टॉक चुनने, खरीदने या बेचने की सलाह दे रहा है, तो उसके प्रति सतर्क रहें।
स्पष्ट शब्दों में, BSE का संदेश यह है:
- पक्का, लाइसेंस प्राप्त और प्रमाणित सलाहकार चुनें
- सोशल मीडिया या व्हाट्सएप जैसे माध्यमों में मिले सुझावों पर भरोसा न करें
- किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपना स्वयं का विश्लेषण करें
यह चेतावनी उन निवेशकों के लिये है जो अक्सर ऑनलाइन समूहों, फ़ॉरम्स या “न्यूज़लेटर” के ज़रिये निवेश सुझाव लेते हैं — बिना यह जाने कि वे सलाहकार वैध हैं या नहीं।
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अवैध निवेश सलाह क्या होती है?
आजकल कई निवेशकों को यह पता ही नहीं चलता कि जो सलाह वे ले रहे हैं वह लाइसेंस प्राप्त है या नहीं. वे अक्सर निम्न प्रकार के संदेशों को निवेश सलाह समझ लेते हैं:
- “आज के शेयर में भारी उछाल का मौका”
- “विशेष तरीके से निवेश करके करोड़पति बनें”
- “हमारे टिप्स से आप हर बार मुनाफ़ा पायेंगे”
- “सिर्फ सदस्यों के लिये विशेष सिफ़ारिशें”
इन सभी में वास्तविकता और प्रमाणिकता की कमी होती है। BSE ने स्पष्ट कहा है कि बिना लाइसेंस वाले ग्रुप्स और सलाहकारों के सुझाव सीधे जोखिम में डाल सकते हैं। ऐसे लोगों का मकसद ज़्यादातर केवल सदस्यता शुल्क, डेटा संग्रह या धोखाधड़ी है — न कि आपकी संपत्ति की सुरक्षा।
BSE ने क्यों जोर दिया सतर्कता पर?
बज़ार विशेषज्ञ बताते हैं कि हाल के समय में निवेशकों को ‘फास्ट मनी’ (तेज़ कमाई) के लालच में अवैध सुझावों का शिकार पाया गया है।
कुछ प्रमुख कारण जिनकी वजह से BSE को यह चेतावनी जारी करनी पड़ी, वे हैं:
- सोशल मीडिया पर बढ़ती फर्जी सलाहकार गतिविधियाँ
- निवेशकों की बिना ज्ञान के निवेश करने की आदत
- लाइसेंस और मान्यता के बिना सलाह देना
- अप्राकृतिक रूप से बढ़े हुए रिटर्न के वादे
इन सबके कारण BSE ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि सुरक्षित निवेश वही है जिसमें पारदर्शिता, अनुसंधान और वैध सलाह शामिल हो।
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निष्कर्ष
जहाँ एक तरफ़ शेयर बाजार निवेशकों को बेहतर रिटर्न का अवसर देता है, वहीं दूसरी तरफ़ गलत, अवैध या बिना लाइसेंस वाली सलाह निवेशकों के लिये जोखिम भी बढ़ा सकती है। BSE ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सिर्फ भरोसेमंद स्रोतों, मान्यता प्राप्त सलाहकारों और ठोस शोध पर ही निवेश की दिशा चुनें।
आज के डिजिटल युग में “तेज़ कमाई” के दावे चारों ओर हैं, लेकिन सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश वही है जो ज्ञान, अनुभव और विशेषज्ञता के साथ किया गया हो। यह चेतावनी हर निवेशक के लिये एक महत्वपूर्ण सीख है — बाज़ार में अपनी पूंजी सुरक्षित रखें, संशय को समझें और विवेक के साथ कदम उठाएँ।




