WBSSC Group C & D विवाद: हाई कोर्ट ने पूरी ‘tainted’ सूची सार्वजनिक करने का आदेश दिया, जनवरी में फिर होगी सुनवाई

Meenakshi Arya -

Published on: December 3, 2025

WBSSC Group C & D कोलकाता — पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) की 2016 भर्ती प्रक्रिया से जुड़े विवाद ने एक बार फिर अदालत के दरवाज़े पर हलचल बढ़ा दी है। Calcutta High Court ने सोमवार को सख़्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि Group C और Group D पदों पर हुई संदिग्ध नियुक्तियों की पूरी सूची सार्वजनिक की जाए। अदालत का कहना है कि जब भर्ती भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी हो, तो उम्मीदवारों और जनता दोनों को पारदर्शी जानकारी मिलना ज़रूरी है।

यह आदेश ऐसे समय में आया है जब tainted यानी संदिग्ध उम्मीदवारों की अधूरी सूची को लेकर नए भर्ती-चक्र (Recruitment 2025) के आवेदकों के बीच भारी नाराज़गी देखने को मिल रही है। कई लोगों का आरोप है कि WBSSC Group C & D चयन सूची को पूरा दिखाने के बजाय नाम छिपा रहा है, जिससे दाग़ी उम्मीदवार फिर से चयन प्रक्रिया में घुस सकते हैं।

अदालत का सख़्त रुख: “पूरा डेटा सार्वजनिक करो”

WBSSC Group C & D: सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने बताया कि आयोग द्वारा प्रकाशित सूची में कई नाम गायब हैं, जबकि जांच एजेंसियों और पूर्व अदालत आदेशों में अधिक संख्या दिखाई गई है।

इसके बाद अदालत ने WBSSC से कहा कि सूची में यह जानकारी शामिल होनी चाहिए—

  • उम्मीदवार का नाम
  • रोल नंबर
  • पिता का नाम
  • पद व स्कूल की जानकारी
  • नियुक्ति का वर्ष
  • नियुक्ति रद्द होने का कारण

अदालत ने यह भी साफ़ कर दिया कि जब तक पूरी सूची उपलब्ध नहीं होगी, नए भर्ती-चक्र पर असर पड़ सकता है।

2016 भर्ती और घोटाले की यादें अभी भी ताज़ा

2016 में हुई SLST परीक्षा का मुद्दा आज भी बंगाल की राजनीतिक और प्रशासनिक बहस के केंद्र में है।

इस परीक्षा में—

  • OMR शीट में बदलाव,
  • मेरिट-लिस्ट में छलांग,
  • फ़र्ज़ी अनुभव प्रमाणपत्र,
  • और लाखों रुपये में नौकरी बेचने जैसे आरोप लगे थे।

CBI जांच के बाद कई अधिकारी, एजेंट और दलाल गिरफ्तार हुए।
2025 में सुप्रीम कोर्ट ने “पूरी भर्ती को अवैध” बताते हुए हजारों नियुक्तियाँ रद्द भी कर दी थीं।

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अब नया विवाद: अनुभव वाले 5 अंकों का विरोध

WBSSC Group C & D: नए भर्ती नियमों में शिक्षण/कार्य अनुभव को लेकर अतिरिक्त 5 अंक देने का प्रावधान जोड़ा गया है।

विरोध करने वालों का कहना है—

  • अनुभव अंक देने से पुराने दाग़ी उम्मीदवार फिर लाभ ले सकते हैं।
  • इससे नए और योग्य उम्मीदवारों की बराबरी टूटती है।
  • पारदर्शिता पर फिर से सवाल उठेंगे।

अदालत इस मुद्दे पर भी अगली सुनवाई में विस्तार से विचार करेगी।

उम्मीदवारों की चिंता — “हम किस पर भरोसा करें?”

WBSSC Group C & D घोटाले ने लाखों युवाओं का विश्वास तोड़ा है।
कई उम्मीदवारों ने कोर्ट परिसर में कहा कि—

  • “एक तरफ़ पुरानी भर्तियाँ रद्द हुईं,
  • दूसरी तरफ़ नई भर्ती को लेकर भी अनिश्चितता है,
  • और हमारे भविष्य पर लगातार लटकती तलवार बनी हुई है।”

उनका कहना है कि जब तक WBSSC पारदर्शी नहीं होगा, निष्पक्ष चयन संभव नहीं।

अगली सुनवाई 6 जनवरी को — सभी की नज़रें अदालत पर

अदालत ने WBSSC को समय देते हुए कहा है कि निर्धारित समय सीमा तक पूरी सूची उपलब्ध कराई जाए।
6 जनवरी 2026 को अगली सुनवाई में—

  • सूची की सटीकता,
  • भर्ती नियम,
  • अनुभव अंकों का मसला,
  • और भविष्य की नियुक्तियों की प्रक्रिया पर अदालत अंतिम दिशा दे सकती है।

राज्य के लाखों अभ्यर्थियों की निगाह अब इसी तारीख पर टिक गई है।

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WBSSC Group C & D निष्कर्ष

WBSSC Group C & D भर्ती विवाद अब सिर्फ एक प्रशासनिक मामला नहीं रहा, बल्कि पारदर्शिता और भरोसे की लड़ाई बन चुका है। Calcutta High Court का ताज़ा आदेश—कि “tainted” कर्मचारियों की पूरी और साफ-सुथरी सूची सार्वजनिक की जाए—एक ऐसा कदम है जो पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से जवाबदेह बनाता है।

इस विवाद में सबसे ज़्यादा प्रभावित वे उम्मीदवार हैं जो वर्षों से एक निष्पक्ष भर्ती की उम्मीद में तैयारी करते आ रहे हैं। अदालत का रुख साफ दिखाता है कि अब किसी भी तरह की ग़लत नियुक्ति, अपारदर्शी पैनल या राजनीतिक प्रभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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