Boney Kapoor: भारतीय सिनेमा में श्रीदेवी का नाम एक ऐसा सितारा है, जिसकी चमक आज भी फीकी नहीं पड़ी है। उनकी अदाकारी, करिश्माई व्यक्तित्व और स्क्रीन पर सहजता ने उन्हें हर पीढ़ी के दर्शकों के दिल में जगह दिलाई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके इस करियर की ऊँचाई तक पहुँचने में उनके पति और प्रसिद्ध निर्माता Boney Kapoor का भी अहम योगदान रहा?
Boney Kapoor का दृढ़ निश्चय

सालों पहले, बॉलीवुड में महिला कलाकारों की सैलरी पुरुष कलाकारों की तुलना में काफी कम हुआ करती थी। उस दौर में Boney Kapoor ने सिर्फ अपनी पत्नी की खातिर ही नहीं, बल्कि एक संदेश देने के लिए कदम उठाया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि श्रीदेवी को उनके वास्तविक मूल्य के अनुसार सम्मान और पारिश्रमिक मिले।
जब श्रीदेवी को फिल्म ‘मि. इंडिया’ के लिए साइन किया जा रहा था, तो शुरुआती चर्चा में उनकी माँ ने ₹10 लाख की मांग की थी। बॉनी कपूर ने पहली पेशकश ₹11 लाख की की। उन्होंने न केवल श्रीदेवी की सैलरी बढ़ाई, बल्कि उनके सहायक स्टाफ की सैलरी भी ₹30,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी।
सैलरी का सफर: ₹10 लाख से ₹25 लाख तक
लेकिन Boney Kapoor यहीं नहीं रुके। उन्होंने धीरे-धीरे श्रीदेवी की सैलरी को ₹15 लाख, फिर ₹16 लाख और अंततः ₹25 लाख तक पहुँचाया। यह सिर्फ पैसों का मामला नहीं था। यह एक रणनीति थी ताकि श्रीदेवी सिर्फ गुणवत्तापूर्ण और चुनिंदा फिल्मों में काम करें, जिससे उनका करियर दीर्घकालिक और सम्मानजनक बने।
यह कदम उस समय बॉलीवुड में एक नया मील का पत्थर था। यह साबित करता था कि अगर निर्माता सही दृष्टिकोण और साहसिक फैसले लें, तो कलाकारों की गरिमा और करियर दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बॉनी कपूर का योगदान
Boney Kapoor ने जो कदम उठाया, वह केवल पारिश्रमिक बढ़ाने तक सीमित नहीं था। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण था। उनके इस प्रयास ने बॉलीवुड में महिला अभिनेत्रियों के लिए नए मानक तय किए। उन्होंने दिखाया कि एक निर्माता का कर्तव्य सिर्फ फिल्म बनाना नहीं, बल्कि कलाकारों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना भी है।
व्यक्तिगत और पेशेवर समर्थन
Boney Kapoor ने हमेशा श्रीदेवी के करियर और उनके निजी जीवन दोनों में उनका समर्थन किया। उनकी दूरदर्शिता और साथी के रूप में निष्ठा ने न केवल श्रीदेवी को आत्मविश्वास दिया, बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री में एक संदेश भी फैलाया कि जब सही दिशा में कदम उठाए जाएँ, तो परिणाम दूरगामी होते हैं।
| # | विषय | विवरण |
|---|---|---|
| 1 | मुख्य उद्देश्य | बॉनी कपूर ने श्रीदेवी के करियर में उनके सही मूल्य और सम्मान को सुनिश्चित किया। |
| 2 | शुरुआती सैलरी | ‘मि. इंडिया’ के लिए प्रारंभिक सैलरी ₹10 लाख थी। |
| 3 | अंतिम सैलरी | बॉनी कपूर ने इसे बढ़ाकर ₹25 लाख कर दिया। |
| 4 | पेशेवर सुधार | स्टाफ की सैलरी भी बढ़ाई और महिला अभिनेत्रियों के लिए नया मानक स्थापित किया। |
| 5 | सीख/प्रेरणा | सही दिशा में लिया गया कदम किसी के जीवन और करियर में बड़ा बदलाव ला सकता है। |
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निष्कर्ष
Boney Kapoor ने सिर्फ एक निर्माता या पति के रूप में ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी मार्गदर्शक के रूप में भी श्रीदेवी के करियर को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनकी सोच, धैर्य और साहसिक निर्णय ने यह साबित किया कि फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव लाना संभव है।
यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि सही समय पर लिया गया एक निष्ठावान और संवेदनशील निर्णय किसी की जिंदगी और करियर में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। श्रीदेवी की सफलता की यात्रा में बॉनी कपूर की भूमिका हमेशा याद रखी जाएगी, क्योंकि उन्होंने यह साबित कर दिया कि प्यार और पेशेवर प्रतिबद्धता एक साथ काम करके किसी भी चुनौती को अवसर में बदल सकती है।
बॉनी कपूर ने यह दिखा दिया कि एक पति, निर्माता और मार्गदर्शक के रूप में उनका योगदान सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं था, बल्कि वह श्रीदेवी के करियर के हर अहम फैसले में उनका स्थायी सहारा बने।




