दरारों से आती है रोशनी” – UPSC टॉपर शक्ति दुबे की सोच ने छू लिया हर अभ्यर्थी का दिल

Meenakshi Arya -

Published on: October 24, 2025

नई दिल्ली — सफलता की कहानियाँ अक्सर किताबों में पढ़ी जाती हैं, लेकिन कुछ कहानियाँ दिल में जगह बना लेती हैं। UPSC 2024 की टॉपर शक्ति दुबे की कहानी भी कुछ ऐसी ही है — सादगी में गहराई और सोच में परिपक्वता भरी हुई। हाल ही में उनका एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, जिसमें इंटरव्यूअर ने उनसे एक अनोखा सवाल पूछा — “आपका पसंदीदा कोट (Favourite Quote) क्या है?”

शक्ति दुबे का जवाब न सिर्फ़ ईमानदार था, बल्कि जीवन के हर संघर्ष को नए नज़रिए से देखने का संदेश भी देता है।

जब पूछा गया पसंदीदा कोट

इंटरव्यू के दौरान जब यह सवाल सामने आया, तो शक्ति ने मुस्कुराते हुए कहा —

“Cracks were the real weakness of those walls, and also cracks were the reason light entered.”
(“दरारें ही उन दीवारों की कमजोरी थीं, और वही दरारें थीं जिनसे रोशनी अंदर आई।”)

यह सुनकर पैनल कुछ क्षणों के लिए चुप हो गया। शक्ति ने आगे समझाया कि हर इंसान के जीवन में कुछ “दरारें” होती हैं — यानी असफलताएँ, कठिनाइयाँ, या डर। लेकिन वही दरारें हमें मजबूत बनाती हैं, क्योंकि उनके ज़रिए ही अनुभव और आत्मविश्वास की रोशनी अंदर आती है।

UPSC की राह में शक्ति की सोच

शक्ति दुबे की यात्रा आसान नहीं रही। उन्होंने कई बार असफलताएँ झेली, लेकिन हर बार कुछ नया सीखा। उन्होंने कहा कि UPSC सिर्फ़ परीक्षा नहीं, बल्कि आत्म-खोज की प्रक्रिया है। हर असफलता ने उन्हें खुद को बेहतर समझने में मदद की।

“मैंने सीखा कि असफल होना बुरा नहीं है, बुरा तब है जब हम हार मान लें। UPSC ने मुझे सिखाया कि गिरना और फिर उठना ही असली तैयारी है।”

उनका यह नज़रिया आज हज़ारों युवाओं को प्रेरित कर रहा है जो UPSC जैसी कठिन परीक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सवाल का जवाब क्यों था ख़ास

UPSC इंटरव्यू में इस तरह के सवाल अक्सर उम्मीदवार की सोच और आत्म-जागरूकता परखने के लिए पूछे जाते हैं।
शक्ति का जवाब इसलिए अलग था क्योंकि उन्होंने अपनी “कमज़ोरियों” को भी अपनाया।
वह यह दिखाना चाहती थीं कि ज़िंदगी की हर कमी या गलती आपको नया अवसर देती है।

उनका जवाब यह संदेश देता है कि “हर इंसान में रोशनी छिपी होती है, बस उसे आने का रास्ता देना होता है।”

आने वाले अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा

शक्ति दुबे की यह सोच उन सभी उम्मीदवारों के लिए सीख है जो कभी हार का सामना करते हैं या खुद पर शक करने लगते हैं।
उन्होंने यह साबित किया कि UPSC में सिर्फ़ किताबों की तैयारी नहीं, बल्कि मन की तैयारी भी ज़रूरी है।

कुछ प्रमुख बातें जो उन्होंने साझा कीं —

  • हर गलती एक नया सबक होती है।
  • परिश्रम के साथ आत्मविश्वास बनाए रखना सफलता की कुंजी है।
  • दूसरों से तुलना करने के बजाय खुद को बेहतर बनाना ही असली जीत है।
  • और सबसे ज़रूरी — “अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लो।”

UPSC का असली मतलब

कई बार लोग UPSC को सिर्फ़ सरकारी नौकरी पाने का रास्ता समझते हैं, लेकिन शक्ति दुबे जैसी टॉपर बताती हैं कि यह परीक्षा देश सेवा, सोच और व्यक्तित्व निर्माण की यात्रा है।
उनके शब्दों में —

“UPSC ने मुझे सिखाया कि हर निर्णय सिर्फ़ अंक के लिए नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी के लिए होना चाहिए।”

यह दृष्टिकोण ही उन्हें दूसरों से अलग बनाता है — क्योंकि उनके लिए सफलता का अर्थ रैंक नहीं, बल्कि आत्म-संतोष है।

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निष्कर्ष

शक्ति दुबे का इंटरव्यू यह याद दिलाता है कि UPSC सिर्फ़ बुद्धिमत्ता की परीक्षा नहीं, बल्कि इंसान की आत्मा, धैर्य और दृष्टिकोण की भी परीक्षा है।
उनका वह वाक्य — “दरारें ही रास्ता हैं, जिनसे रोशनी आती है” — आज हर अभ्यर्थी के लिए प्रेरणा बन गया है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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