महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025: आईसीसी ने साउथ अफ्रीका की स्पिनर नोनकुलुलेको म्लाबा को हरलीन देओल को ‘गुडबाय’ कहने पर सजा दी

Meenakshi Arya -

Published on: October 11, 2025

आईसीसी नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025 — महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 में साउथ अफ्रीका और भारत के बीच हुए मुकाबले के दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसने क्रिकेट जगत में सुर्खियां बटोर ली। साउथ अफ्रीका की स्पिनर नोनकुलुलेको म्लाबा ने भारतीय बल्लेबाज हरलीन देओल को आउट करने के बाद उन्हें ‘गुडबाय’ इशारे से विदाई दी। यह इशारा कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

हालांकि, इस इशारे को खेल भावना के खिलाफ माना गया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने म्लाबा पर कार्रवाई की। आईसीसी के अनुसार, क्रिकेट केवल रन बनाने और विकेट लेने का खेल नहीं है, बल्कि यह सम्मान, खेल भावना और अनुशासन का प्रतीक भी है।

घटना का पूरा विवरण

मैच के दौरान, म्लाबा ने हरलीन को आउट किया और उनका यह ‘गुडबाय’ इशारा कैमरे में कैद हो गया। मैच के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने इसे लेकर कई मत व्यक्त किए। अधिकांश ने इसे खेल भावना के खिलाफ और प्रतिद्वंद्वी का सम्मान नहीं करने वाला व्यवहार माना।

आईसीसी ने मामले का संज्ञान लिया और म्लाबा को एक मैच के लिए निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उन्हें आधिकारिक चेतावनी भी दी गई। आईसीसी के प्रवक्ता ने कहा, “क्रिकेट सम्मान और खेल भावना पर आधारित खेल है। किसी भी खिलाड़ी द्वारा प्रतिद्वंद्वी का अपमान स्वीकार्य नहीं है।”

आईसीसी की कार्रवाई

आईसीसी ने म्लाबा को एक मैच के लिए निलंबित कर दिया और उन्हें आधिकारिक चेतावनी भी दी। आईसीसी के प्रवक्ता ने कहा, “क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा तो होती है, लेकिन खेल भावना और प्रतिद्वंद्वी का सम्मान अनिवार्य है। किसी भी खिलाड़ी द्वारा अनादरपूर्ण व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

इस सजा से यह स्पष्ट संदेश गया कि क्रिकेट में केवल खेल कौशल ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि खिलाड़ियों का व्यवहार और अनुशासन भी उतना ही जरूरी है।

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएँ

इस घटना के बाद विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएँ आईं। भारतीय टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज ने कहा, “प्रतिस्पर्धा खेल का हिस्सा है, लेकिन खेल भावना से बढ़कर कुछ नहीं। हमें हमेशा प्रतिद्वंद्वी का सम्मान करना चाहिए।”

वहीं, कुछ खिलाड़ियों ने इसे खेल भावना में सामान्य प्रतिस्पर्धी भावना माना। ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कप्तान लिसा स्टालेकर ने कहा, “खेल में उत्साह और प्रतिस्पर्धा स्वाभाविक है, लेकिन इसे सम्मान के साथ निभाना चाहिए।”

खेल भावना की महत्ता

यह घटना एक बार फिर खेल भावना के महत्व को उजागर करती है। क्रिकेट सिर्फ रन बनाने या विकेट लेने का खेल नहीं है, बल्कि सम्मान, ईमानदारी और नैतिकता का भी प्रतीक है। आईसीसी की कार्रवाई दर्शाती है कि खेल में नियमों और सम्मान का पालन अनिवार्य है।

इस प्रकार की सजा न केवल खिलाड़ी के लिए बल्कि दर्शकों और युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक संदेश है कि क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा के साथ खेल भावना का पालन करना कितना जरूरी है।

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निष्कर्ष

नोनकुलुलेको म्लाबा की यह घटना क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बनी। हालांकि, उन्होंने अपनी कार्रवाई पर खेद व्यक्त किया, लेकिन यह घटना यह दिखाती है कि खेल भावना बनाए रखना कितना आवश्यक है।

इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि जीत चाहे जितनी भी महत्वपूर्ण हो, लेकिन खेल भावना और सम्मान हमेशा प्राथमिकता में रहना चाहिए। हरलीन देओल और भारतीय टीम के लिए यह घटना प्रेरणा का स्रोत भी बनी।

आईसीसी की कार्रवाई से यह संदेश गया कि क्रिकेट में अनुशासन, सम्मान और खेल भावना हमेशा जीत से ऊपर हैं। यह घटना युवाओं और दर्शकों को याद दिलाती है कि प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ सम्मान का पालन भी उतना ही जरूरी है। हरलीन देओल और भारतीय टीम के लिए यह घटना प्रेरणा का स्रोत भी बनी, क्योंकि यह दर्शाती है कि खेल के प्रति अनुशासन और सम्मान सबसे महत्वपूर्ण है।

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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