Tata capital: मुंबई, 3 अक्टूबर 2025 — भारत की सबसे भरोसेमंद कंपनियों में से एक, टाटा कैपिटल (Tata Capital) ने अपने बहुप्रतीक्षित आईपीओ (IPO) की तैयारी में बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने एंकर निवेशकों से ₹4,641 करोड़ की भारी-भरकम रकम जुटाई है। इस दौर की खास बात रही कि देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) ने इसमें सबसे बड़ा निवेश किया और कंपनी पर अपने भरोसे की मुहर लगाई।
आईपीओ से पहले की तैयारी

Tata capital ने एंकर निवेशकों को करीब 14.23 करोड़ इक्विटी शेयर प्रति शेयर ₹326 के दाम पर बेचे। यह मूल्य कंपनी के तय बैंड (₹310 से ₹326) के ऊपरी छोर पर रहा। साफ है कि कंपनी को अपने मूल्यांकन और भविष्य की योजनाओं पर पूरा भरोसा है।
यह रकम कुल आईपीओ आकार का लगभग 30% है, यानी सार्वजनिक सदस्यता से पहले ही कंपनी ने मजबूत पूंजी आधार तैयार कर लिया है।
एलआईसी की बड़ी भागीदारी
एंकर निवेशकों में सबसे बड़ा नाम रहा भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का, जिसने अकेले ही लगभग ₹700 करोड़ से ज़्यादा का निवेश किया। एलआईसी का जुड़ना एक तरह से खुदरा निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत है, क्योंकि यह संस्था लंबे समय से सुरक्षित निवेश के प्रतीक के रूप में देखी जाती है।
इसके अलावा, ग्लोबल फंड हाउस जैसे Morgan Stanley, Goldman Sachs, Nomura और कई घरेलू म्यूचुअल फंड भी इसमें शामिल हुए। दिलचस्प बात यह रही कि भारतीय म्यूचुअल फंड्स ने भी एंकर हिस्से का लगभग 35% खरीदा, जिससे यह राउंड और मजबूत हो गया।
टाटा कैपिटल की ताकत और योजनाएँ
Tata capital भारत की अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है। जून 2025 तक इसकी लोन बुक ₹2.33 लाख करोड़ तक पहुँच चुकी है। इसमें रिटेल लोन, SME फाइनेंसिंग और कॉर्पोरेट लोन का बड़ा हिस्सा शामिल है।
कंपनी अब उन क्षेत्रों पर ध्यान देने की योजना बना रही है जहाँ विकास की गुंजाइश ज्यादा है — जैसे अनसिक्योर्ड लोन (पर्सनल, एजुकेशन और माइक्रोफाइनेंस)। फंड जुटाने के बाद कंपनी अपने नेटवर्क को और मज़बूत करने और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर निवेश बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
आगे की चुनौतियाँ
Tata capital: हालाँकि तस्वीर पूरी तरह आसान नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों की अनिश्चितता, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और NBFC सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा कंपनी के लिए बड़ी चुनौतियाँ होंगी।
इसके अलावा, ऊँचे मूल्यांकन पर आए इस IPO के बाद निवेशकों की उम्मीदें भी उतनी ही ऊँची रहेंगी। ऐसे में टाटा कैपिटल के लिए निरंतर बेहतर नतीजे देना बेहद ज़रूरी होगा।
निवेशकों के लिए संकेत
Tata capital: इस एंकर निवेश दौर ने यह साफ कर दिया है कि बड़े और प्रतिष्ठित संस्थानों को टाटा कैपिटल की कहानी पर भरोसा है। यह छोटे निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
हालाँकि, निवेश करने से पहले यह देखना ज़रूरी है कि आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं और NBFC सेक्टर में जोखिम उठाने की आपकी क्षमता कितनी है।
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| जुटाई गई राशि | ₹4,641 करोड़ (एंकर निवेशकों से) |
| प्राइस बैंड | ₹310 – ₹326 प्रति शेयर |
| आवंटित शेयर | 14.23 करोड़ इक्विटी शेयर |
| सबसे बड़ा निवेशक | LIC (लगभग ₹700 करोड़ का निवेश) |
| कंपनी की लोन बुक | ₹2.33 लाख करोड़ (जून 2025 तक) |
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निष्कर्ष
Tata capital का यह कदम सिर्फ़ एक पूंजी जुटाने की कवायद नहीं, बल्कि निवेशकों के भरोसे का इम्तिहान भी है। एलआईसी जैसी दिग्गज संस्था का आगे आना कंपनी के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि जब IPO खुलेगा, तब आम निवेशक किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और लिस्टिंग के बाद Tata Capital शेयर बाज़ार में कैसा प्रदर्शन करता है।




