Income Tax Return Due Date: नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 — वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) भरने की समयसीमा अब बेहद नज़दीक है। सरकार ने पहले इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 तय की थी, लेकिन पोर्टल संबंधी समस्याओं और करदाताओं की मांग को देखते हुए इसे आगे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया। अब जबकि अंतिम तारीख़ सिर पर है, लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या इस बार भी income tax return due date आगे बढ़ेगी?
मौजूदा स्थिति
Income Tax Return Due Date: पिछले कुछ दिनों से आयकर विभाग का ई-फाइलिंग पोर्टल लगातार व्यस्त चल रहा है। बड़ी संख्या में लोग आख़िरी समय में रिटर्न दाखिल करने की कोशिश कर रहे हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी भी लाखों करदाता ऐसे हैं जिन्होंने ITR भरना शुरू ही नहीं किया है।

करदाताओं की दिक्कतें
- पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियाँ – कई यूज़र्स को लॉगिन, OTP और फॉर्म सबमिट करने में परेशानी हो रही है।
- फॉर्म 26AS और AIS में अंतर – करदाताओं की कमाई और टैक्स डिटेल्स में मेल न खाने से ITR भरने में मुश्किलें आ रही हैं।
- सीए और टैक्स सलाहकारों पर बोझ – छोटे-मोटे व्यापारियों और वेतनभोगियों के मामलों के कारण पेशेवरों का काम बढ़ गया है।
किन्हें कब तक मौका?
बिना ऑडिट वाले करदाता: जैसे वेतनभोगी या छोटे व्यापारी — इनके लिए 15 सितंबर 2025 अंतिम तिथि है।
ऑडिट वाले कारोबार: जिनके खातों का ऑडिट ज़रूरी है, उनके लिए डेडलाइन 31 अक्टूबर 2025 तक हो सकती है।
देर करने पर क्या होगा?
- लेट फीस: समय पर ITR न भरने पर ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है (₹5 लाख से कम आय वालों पर ₹1,000)।
- ब्याज: टैक्स बकाया होने पर अतिरिक्त ब्याज देना पड़ेगा।
- रिफंड में देरी: समय पर फाइल न करने पर रिफंड मिलने में विलंब होगा।
- लॉस कैरी फॉरवर्ड का नुकसान: समयसीमा चूकने पर यह सुविधा हाथ से जा सकती है।
क्या मांग कर रहे हैं करदाता?
Income Tax Return Due Date: कई पेशेवर संगठन और करदाता संघ सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि पोर्टल की तकनीकी दिक्कतों और कार्यभार को देखते हुए income tax return due date को एक बार और बढ़ाया जाए। उनका कहना है कि इससे करदाता बिना दबाव के सही तरीके से रिटर्न दाखिल कर पाएंगे।
निष्कर्ष
Income Tax Return Due Date: सवाल यही है कि सरकार करदाताओं की परेशानी को देखते हुए एक बार फिर डेडलाइन आगे बढ़ाती है या नहीं। लेकिन तब तक सबसे समझदारी भरा कदम यही होगा कि जो भी दस्तावेज़ और फॉर्म तैयार हैं, तुरंत ITR दाखिल कर दिए जाएं। आख़िरी समय का इंतज़ार करना न सिर्फ़ जोखिम भरा है, बल्कि इससे जुर्माना और ब्याज का बोझ भी बढ़ सकता है।
इसलिए विशेषज्ञ यही सलाह दे रहे हैं — “इंतज़ार मत कीजिए, समय रहते अपना रिटर्न फाइल कीजिए। यही सुरक्षित रास्ता है।”
सरकार ने पहले ही करदाताओं को राहत देते हुए income tax return due date को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 किया था। लेकिन अब जब यह तिथि भी क़रीब है, तो स्वाभाविक रूप से करदाताओं की उम्मीदें हैं कि एक और विस्तार मिल जाए। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई संकेत नहीं दिया है।
अगर सरकार तारीख़ आगे बढ़ाती है, तो यह निश्चित रूप से उन लोगों के लिए राहत होगी जो अभी तक फाइलिंग नहीं कर पाए हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो उन्हें जुर्माना, ब्याज और अन्य नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए सबसे बड़ा संदेश यही है कि करदाता अपनी ज़िम्मेदारी को टालें नहीं। तकनीकी समस्याओं और भीड़भाड़ से बचने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि तुरंत अपने दस्तावेज़ों को व्यवस्थित करें और जल्द से जल्द ITR भर दें।
आख़िरकार, समय पर रिटर्न दाखिल करना न केवल क़ानूनी दायित्व है बल्कि वित्तीय अनुशासन का भी हिस्सा है।