Infosys shares surge: बायबैक से निवेशकों को नई उम्मीद

Rashmi Kumari -

Published on: September 9, 2025

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Infosys shares: शेयर मार्केट की दुनिया हमेशा उतार-चढ़ाव से भरी रहती है। कभी अचानक गिरावट से निवेशक घबरा जाते हैं, तो कभी हल्की सी पॉजिटिव खबर पूरे माहौल को बदल देती है। ठीक ऐसा ही कुछ इन दिनों इंफोसिस के शेयर के साथ देखने को मिल रहा है। कंपनी के बोर्ड मीटिंग से पहले ही इसके शेयर में करीब 3% की तेजी दर्ज की गई है, जिसने निवेशकों के चेहरे पर नई मुस्कान ला दी है।

निवेशकों के लिए बड़ा संकेत

इंफोसिस ने 11 सितंबर को होने वाली अपनी बोर्ड मीटिंग में शेयर बायबैक प्रस्ताव पर चर्चा करने का ऐलान किया है। यह खबर बाजार में आते ही निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल बना दिया। बायबैक का सीधा मतलब है कि कंपनी अपने शेयर खुद निवेशकों से खरीदने वाली है। ऐसा कदम आमतौर पर तभी उठाया जाता है जब कंपनी को अपने भविष्य और मुनाफे पर पूरा भरोसा हो। यही वजह है कि निवेशकों का भरोसा भी दोगुना हो जाता है और शेयर की कीमतों में उछाल आने लगता है।

मुश्किल समय में मजबूत कदम

आज की स्थिति में जब टेक्नोलॉजी सेक्टर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे समय में इंफोसिस का यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि बायबैक निवेशकों को यह संदेश देता है कि कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति और भविष्य की योजनाओं को लेकर आत्मविश्वास से भरी हुई है। HDFC सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील ने भी यही कहा कि यह कदम निवेशकों के लिए भरोसे की बड़ी वजह बनेगा और गिरावट से जूझ रहे टेक स्टॉक्स को सहारा देगा।

निवेशकों की उम्मीदें और बाजार का माहौल

स्टॉक मार्केट में निवेशकों की भावना (इन्वेस्टर सेंटिमेंट) बहुत मायने रखती है। जब कंपनी खुद अपने शेयर खरीदने का ऐलान करती है, तो यह संकेत मिलता है कि मौजूदा वैल्यूएशन आकर्षक है और आगे इसमें वृद्धि की पूरी संभावना है। यही कारण है कि इंफोसिस के शेयर ने तुरंत 3% का उछाल लिया। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बोर्ड से बायबैक प्रस्ताव पास हो जाता है, तो इसका असर आने वाले दिनों में और भी ज्यादा दिखाई देगा।

क्यों है बायबैक खास

Infosys shares surge: बायबैक से निवेशकों को नई उम्मीद

बायबैक केवल निवेशकों को अल्पकालिक मुनाफा ही नहीं देता, बल्कि कंपनी की बैलेंस शीट और मार्केट में उसकी स्थिति को भी मजबूत करता है। इससे प्रति शेयर आय (EPS) बढ़ती है और निवेशकों को लंबे समय तक भरोसे के साथ जुड़े रहने का कारण मिलता है। खासकर ऐसे दौर में जब टेक कंपनियां ग्लोबल हेडविंड्स का सामना कर रही हैं, बायबैक निवेशकों के लिए किसी राहत पैकेज से कम नहीं है।

इंफोसिस के शेयर में यह 3% की तेजी केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि निवेशकों के विश्वास और कंपनी के आत्मविश्वास की झलक है। आने वाले समय में बोर्ड मीटिंग का फैसला न सिर्फ इंफोसिस बल्कि पूरे टेक सेक्टर के लिए एक बड़ा संकेतक साबित हो सकता है। अगर बायबैक को मंजूरी मिलती है, तो निवेशकों को और भी मजबूत रिटर्न देखने को मिल सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्य से है। यह किसी भी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों से जुड़ा होता है, इसलिए किसी भी निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं The News Bullet पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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