Bihar Band: माँ के अपमान पर NDA का गुस्सा, सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता

Meenakshi Arya -

Published on: September 6, 2025

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Bihar Band:- पटना, 4 सितंबर 2025 – बिहार की सुबह कुछ अलग थी—शहरों और कस्बों में सन्नाटा पसरा था। इसके पीछे वजह थी Bihar Bandh, जिसे NDA (BJP, JDU सहित सहयोगी दलों) ने बुलाया था। यह बंद सिर्फ़ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि भावनाओं का संगम था—”माँ के अपमान” को लेकर।

क्यों हुआ यह बंद?

Bihar Band:- दरभंगा में कांग्रेस की ‘Voter Adhikar Yatra’ के दौरान मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग किया गया। इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसने राजनीतिक उबाल ला दिया।
इसलिए NDA ने भावनात्मक प्रतिक्रिया करते हुए पूरे बिहार में बंदी का ऐलान किया—प्रकाशन पांच घंटे के लिए (सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक)

सुबह 7 बजे से 12 बजे तक सन्नाटा

Bihar Band:- NDA ने बंद को प्रतीकात्मक रूप से सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक रखा। राजधानी पटना में डाकबंगला चौराहा और आयकर गोलंबर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके प्रदर्शनकारियों से पटे रहे। भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर नारेबाज़ी करते नज़र आए। कई जगह टायर जलाए गए, तो कहीं सड़कों को जाम किया गया।

गांव से लेकर शहर तक दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए। स्थानीय बाजारों में ऐसा सन्नाटा था जैसे किसी त्योहार के बाद वाली थकान हो, लेकिन यहाँ मामला श्रद्धा और विरोध का था।

पूरे बिहार पर असर

पटना ही नहीं, बल्कि सीवान, दरभंगा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, औरंगाबाद और गोपालगंज जैसे जिलों में भी बंद का असर साफ दिखा।

  • बसें नहीं चलीं।
  • ऑटो और टैक्सी सेवाएं लगभग ठप रहीं।
  • रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी क्योंकि कई यात्री गाड़ियाँ देरी से चलीं।

छात्र-छात्राओं को भी दिक्कत हुई क्योंकि कई कोचिंग संस्थान और स्कूलों ने एहतियातन छुट्टी घोषित कर दी।

Bihar Band:- महिला मोर्चा की अगुवाई

इस बंद की खासियत रही महिलाओं की बड़ी भागीदारी। भाजपा महिला मोर्चा ने जुलूस की अगुवाई करते हुए कहा कि यह आंदोलन सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सम्मान का प्रश्न है। उनका कहना था कि “माँ के सम्मान से बड़ा कुछ नहीं।”

प्रदर्शनकारियों ने साफ किया कि अस्पताल, एम्बुलेंस और दवा दुकानों जैसी आवश्यक सेवाओं को प्रभावित नहीं किया जाएगा। यही वजह रही कि आम जनता को ज़रूरी कामों में राहत मिली, लेकिन परिवहन और व्यापार ठप रहा।

राजनीतिक वातावरण गर्म—हर ओर आरोप-प्रत्यारोप

—PM मोदी ने घटना को “माँ का अपमान सभी माताओं का अपमान” बताया और जनभावनाओं का समर्थन मांगा।
— Bihar CM नीतीश कुमार ने भी इसे अनुचित बताया और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
—महागठबंधन ने भाजपा पर दोनोंरंगीय होने का आरोप लगाया, उनका कहना था कि यह एक राजनीतिक षडयंत्र है।

परिवर्तन की गूंज: अदालत और FIR

Bihar Band:- जिस पर मंच से अभद्र भाषा बोलने का आरोप है। उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। प्रशासन ने साफ कहा है कि किसी भी तरह की अशांति फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

—दरभंगा पुलिस ने इस मामले में एक शख़्स को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर यह अभद्र भाषा दी थी। FIR भी दर्ज की गई है।
— Buses Jam, टैक्सी रद्द, कई जगहों पर किसानों को खेतों से वापस लौटना पड़ा — असर साफ देखा गया।

निष्कर्ष: “Bihar Band”—विरोध का स्वरूप और मानवीय एहसास

Bihar Band” का असर जितना भौतिक रूप से सड़क-जाम, दुकान बंद, और राजनीतिक बयानबाज़ी में दिखा, उतना ही सामाजिक-भावनात्मक स्वरूप भी पनपा—माँ के प्रति सम्मान, राजनीतिक कटुता, और दलगत प्रतिक्रिया।

जब कोई माँ का अपमान सुन करता है, तो प्रतिक्रिया गहरी होती है—यह बंद भी उसी प्रतिक्रिया का जन-आन्दोलन बन गया। NDA ने इसे राजनीति से उठकर जनता के बीच के भावनात्मक जगे हुए संदेश में बदला।

“bihar band” की यह कहानी सिर्फ़ बंद नहीं, बल्कि एक भावनात्मक बयान है—a voice echoing across lanes and hearts of Bihar.

Meenakshi Arya

मेरा नाम मीनाक्षी आर्या है। मैं एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में सक्रिय हूं। वर्तमान में मैं The News Bullet के लिए टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विविध विषयों पर लेख लिख रही हूं।

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