Wipro: नमस्ते दोस्तों! उम्मीद है आपका दिन शानदार रहा होगा। जब Wipro जैसे आईटी दिग्गज ने चालू वित्त वर्ष के पहले तिमाही (Q1 FY26) में शानदार परिणाम दिए, तो इसे नजरअंदाज करना मुश्किल हो गया। आइए जानते हैं इस सफल रिपोर्ट की भावनात्मक कहानी, जो सिर्फ आंकड़े नहीं बल्कि आशा और प्रगति की दिशा दिखाती है।
Wipro के Q1 नतीजे: मुनाफ़े में जबरदस्त छलाँग

जुलाई 2025 की शुरुआत ने तकनीकी मार्केट में एक सकारात्मक लहर ला दी। Wipro ने जून क्वार्टर में हर समय की तरह नहीं, बल्कि पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में 11% का जबरदस्त मुनाफ़ा दर्ज किया। इस अवधि में कंपनी का कंसोलीडेटेड नेट प्रॉफिट ₹3,330 करोड़ पर पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष Q1 FY25 में यह ₹3,003 करोड़ था। इतना ही नहीं, ये आंकड़ा विश्लेषकों की अनुमानित ₹3,233 करोड़ की सीमा को भी पार कर गया, जो इस सफलता की गवाही है ।
राजस्व में वृद्धि और अमेरिका की भूमिका
राजस्व की बात करें तो Wipro ने इस तिमाही में ₹22,135 करोड़ (लगभग $2.57 अरब) अर्जित किए, जो पिछले साल की तुलना में 0.8% का मामूली लेकिन महत्वपूर्ण उछाल है । अमेरिका में स्वास्थ्य और कम्युनिकेशंस क्षेत्रों में मिले बड़े ठेके, इस वृद्धि का मुख्य आधार रहे। यह भी बताया गया कि Wipro ने इस दौरान करीब $5 अरब के नए सौदे हासिल किए, जो पिछले क्वार्टर के $4 अरब और पिछले वर्ष के $3.3 अरब की तुलना में और बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है।
शेयर धारकों की खुशी: डिविडेंड और ADR में उछाल
न सिर्फ घर की शेयरधारकों के लिए, बल्कि विदेशों में Wipro के ADR धारकों के लिए भी यह खबर उत्साहवर्धक रही। कंपनी ने हर शेयर पर ₹5 का डिविडेंड घोषित किया, जिससे निवेशकों की मुस्कान और बढ़ गई । इसके अलावा, वॉशिंगटन में सूचीबद्ध ADR की कीमत 5% से अधिक बढ़कर $3.12 हो गई, जिससे वैश्विक निवेशकों का विश्वास और मजबूत हुआ।
आगे का रोडमैप: क्या कहना है प्रबंधन का?
सीईओ श्रीनिवास पल्लिया ने इस प्रगति को “मैक्रोईकोनॉमिक अनिश्चितता के बीच क्लाइंट्स की लागत दक्षता और मूल्य-केंद्रित प्राथमिकता” से जोड़कर देखा । Q2FY26 की उम्मीद करते हुए Wipro ने अनुमानित राजस्व सीमा $2.56 अरब से $2.61 अरब के बीच की है। यह स्पष्ट संकेत है कि कंपनी संकट के बीच भी रणनीतिक मजबूती दिखाते हुए आगे बढ़ रही है।
भावुक अंत: उम्मीद की किरण

जब आर्थिक माहौल चुनौतीपूर्ण होता है, ऐसे समय में Wipro का यह Q1 प्रदर्शन सिर्फ आंकड़े नहीं बल्कि जुझारूपन और प्रतिस्पर्धा की भावना का प्रतीक है। यह साबित करता है कि अगर दिशा सही हो, तो कठिन हालात में भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है। न केवल निवेशक, बल्कि भारतीय आईटी उद्योग के हर हिस्सेदार के लिए यह एक ऐसी कहानी है, जिसमें मेहनत, रणनीति और आत्मविश्वास मिलकर नए मुकाम बनाते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख समर्थ समाचार स्रोतों के आधार पर तैयार किया गया है। समय और परिस्थितियों के अनुसार आंकड़ों में बदलाव संभव है। कृपया निवेश या व्यावसायिक निर्णयों के लिए विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें।