FY26 में बेहतर होगी अंतरराष्ट्रीय आय: TCS CEO ने दी उम्मीद की झलक

Rashmi Kumari -

Published on: July 14, 2025

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TCS : जब बाजार की हालत अनिश्चित हो और निवेशकों का विश्वास डगमगाने लगे, ऐसे समय में सच्ची उम्मीद वही होती है जो कंपनी के नेतृत्व से मिले। भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के सीईओ और एमडी के. कृतिवासन ने हाल ही में यह भरोसा दिलाया कि आने वाला साल 2026 वित्तीय रूप से उनके लिए 2025 से कहीं बेहतर साबित होगा।

पहली तिमाही में धीमी शुरुआत लेकिन भविष्य की राह साफ

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में TCS का प्रदर्शन थोड़ा ठंडा रहा। हालांकि कंपनी का नेट प्रॉफिट, ऑपरेटिंग मार्जिन और डील विंस अच्छे रहे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आई आर्थिक अनिश्चितताओं और प्रोजेक्ट्स में देरी की वजह से राजस्व ग्रोथ में गिरावट देखी गई। इसके चलते TCS के शेयर 11 जुलाई को करीब 3.5% तक गिर गए, और इसका असर अन्य आईटी कंपनियों के स्टॉक्स पर भी देखा गया।

आर्थिक अनिश्चितता पर CEO का भरोसा: “ये दौर लंबा नहीं चलेगा”

TCS के सीईओ के. कृतिवासन ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि FY26 में अंतरराष्ट्रीय बाजारों से आने वाली आमदनी, FY25 से बेहतर रहने की पूरी संभावना है। उनके अनुसार, पहली तिमाही में कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में देरी और निर्णय लेने में धीमापन रहा, लेकिन यह केवल अस्थायी परिस्थिति है।

मजबूत नींव पर टिकी है कंपनी की रणनीति

TCS ने इस तिमाही में जो मजबूत डील्स जीती हैं, वे यह दर्शाती हैं कि कंपनी की नींव अब भी उतनी ही मज़बूत है जितनी हमेशा रही है। CEO का मानना है कि जिस प्रकार से डिजिटल परिवर्तन की माँग बढ़ रही है, वह निकट भविष्य में राजस्व के नए दरवाज़े खोल सकती है। हालांकि फिलहाल ग्राहक अपने निवेश के निर्णयों को टाल रहे हैं, लेकिन जैसे ही बाज़ार में स्थिरता आएगी, यह डील्स एक्टिव हो जाएँगी।

ट्रंप टैरिफ और नई नीतियों का प्रभाव

जब उनसे अमेरिका में संभावित ट्रंप टैरिफ के प्रभाव के बारे में पूछा गया, तो कृतिवासन ने कहा कि TCS पहले भी ऐसी स्थितियों से गुजर चुकी है और कंपनी की रणनीति इन्हें झेलने में सक्षम है। इसके अलावा कंपनी ने हाल ही में नई ‘एम्प्लॉयी बिलैबिलिटी पॉलिसी’ भी अपनाई है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों की क्षमताओं का बेहतर उपयोग करना और ग्राहकों को ज़्यादा कुशल सेवाएँ देना है।

निवेशकों के लिए उम्मीद की किरण

हालांकि निवेशक पहले तिमाही के प्रदर्शन से निराश हो सकते हैं, लेकिन CEO के शब्द एक सकारात्मक दिशा की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कंपनी का फोकस अब लॉन्ग टर्म स्थिरता और क्लाइंट-फर्स्ट अप्रोच पर है। उनके अनुसार, जब तक वैश्विक आर्थिक अस्थिरता दूर नहीं होती, तब तक कंपनी आंतरिक नीतियों, कर्मचारियों की स्किलिंग और टेक्नोलॉजी इनोवेशन पर काम करती रहेगी।

बदलाव की शुरुआत हो चुकी है

TCS का यह संदेश उन सभी के लिए है जो मौजूदा गिरावट से घबराए हुए हैं—कि हर गिरावट के बाद एक नई उड़ान होती है। FY25 की चुनौतियाँ भले ही अभी सामने खड़ी हों, लेकिन FY26 में वह ऊर्जा, योजनाएँ और समझदारी जरूर दिखाई देगी, जिसकी TCS जैसी कंपनी से उम्मीद की जाती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियाँ विभिन्न समाचार स्रोतों और इंटरव्यूज़ पर आधारित हैं। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ या आधिकारिक स्रोत से सलाह अवश्य लें।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं The News Bullet पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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