अगर आप भी उन निवेशकों में से हैं जो बैंकिंग सेक्टर पर भरोसा करते हैं और IDFC First Bank के शेयरधारक हैं, तो आपके लिए एक राहत और खुशी की खबर है। साल 2025 में IDFC First Bank ने एक बार फिर डिविडेंड देने का ऐलान किया है, और ये कदम लगभग सात साल बाद उठाया गया है। ऐसे समय में जब निवेशक स्थायित्व और लाभ की तलाश में रहते हैं, यह खबर उनके लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है।
IDFC First Bank ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि वह ₹0.25 प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड देने जा रहा है, और इसके लिए रिकॉर्ड डेट 11 जुलाई 2025 तय की गई है। यानी जिन निवेशकों के पास इस तारीख को बैंक के शेयर होंगे, वही इस डिविडेंड के पात्र होंगे।
सात साल बाद फिर से डिविडेंड का ऐलान

IDFC First Bank ने आखिरी बार साल 2018 में डिविडेंड का वितरण किया था, जब ₹0.75 प्रति शेयर का अंतिम डिविडेंड घोषित किया गया था। इसके बाद करीब सात साल तक बैंक ने कोई डिविडेंड नहीं दिया। लेकिन अब 2024-25 के वित्तीय वर्ष के लिए बैंक ने अपने शेयरधारकों को ₹0.25 प्रति शेयर का लाभांश देने की सिफारिश की है। यह डिविडेंड कंपनी की बोर्ड मीटिंग में पारित किया गया और अब इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी और नियामकीय स्वीकृति ली जानी बाकी है।
इस घोषणा के साथ ही IDFC First Bank के शेयर आज भारतीय शेयर बाजार में एक्स-डिविडेंड के रूप में ट्रेड कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि अगर कोई आज से शेयर खरीदता है तो उसे यह डिविडेंड नहीं मिलेगा।
रिकॉर्ड डेट का क्या मतलब है?
बहुत से निवेशकों के मन में यह सवाल आता है कि रिकॉर्ड डेट का क्या महत्व है। दरअसल, रिकॉर्ड डेट वह तारीख होती है जिस दिन कंपनी यह तय करती है कि किन शेयरधारकों को डिविडेंड दिया जाएगा। यदि आपके पास 11 जुलाई 2025 को IDFC First Bank के शेयर होंगे, तो आपको इस डिविडेंड का लाभ मिलेगा, भले ही आप उसके बाद शेयर बेच दें। इसलिए रिकॉर्ड डेट को समझना और उस तारीख से पहले शेयर खरीदना ज़रूरी होता है।
क्यों खास है यह डिविडेंड?
हालांकि ₹0.25 का डिविडेंड देखने में छोटा लग सकता है, लेकिन यह ऐलान इसलिए खास है क्योंकि यह संकेत देता है कि बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर है और वह अपने निवेशकों को लाभ देने की स्थिति में है। सात साल के अंतराल के बाद इस तरह की घोषणा न सिर्फ निवेशकों का भरोसा मजबूत करती है, बल्कि बैंक के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत भी देती है।
IDFC First Bank के इस फैसले को कुछ विशेषज्ञ बैंक की ग्रोथ स्ट्रैटेजी का हिस्सा मानते हैं। बैंक ने हाल ही में अपने प्रोफिट मार्जिन और बैलेंस शीट को बेहतर बनाने के कई कदम उठाए हैं, और यह डिविडेंड उसी प्रक्रिया का एक पड़ाव हो सकता है।
निवेशकों के लिए क्या है अगला कदम?

यदि आप पहले से IDFC First Bank के शेयरधारक हैं, तो आपको इस डिविडेंड का लाभ मिलेगा। और यदि आप इस बैंक में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह डिविडेंड सिर्फ एक शुरुआत है। बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार, पारदर्शिता और निवेशकों के प्रति सकारात्मक रवैया इसे एक भरोसेमंद विकल्प बना सकता है। हालांकि, हर निवेश निर्णय से पहले बाजार की स्थिति और अपनी वित्तीय योजना का मूल्यांकन करना ज़रूरी होता है।
IDFC First Bank का डिविडेंड ऐलान एक सकारात्मक संकेत है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो लंबे समय से इसके प्रदर्शन पर नजर रखे हुए थे। यह न केवल निवेशकों को छोटा लेकिन ठोस लाभ देता है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि बैंक अब अपने मुनाफे को साझा करने की स्थिति में आ गया है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।