BSE: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब अचानक किसी मजबूत प्रदर्शन कर रहे स्टॉक में इतनी तेज गिरावट आती है, तो निवेशकों के मन में सवाल उठना लाजमी है क्या यह गिरावट अस्थायी है या कोई बड़ा बदलाव आने वाला है? यही स्थिति इस समय BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के शेयरों के साथ बन गई है। जहां एक ओर यह स्टॉक पिछले एक साल में 200% से ज्यादा रिटर्न दे चुका है, वहीं पिछले कुछ दिनों में इसमें 21% तक की गिरावट देखने को मिली है।
बीते तीन कारोबारी सत्रों में ही BSE के शेयरों में करीब 15% की गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को शेयर ₹2,395 के स्तर तक लुढ़क गया, जबकि 10 जुलाई 2025 को इसने ₹3,030 का रिकॉर्ड हाई बनाया था। इतनी बड़ी गिरावट के पीछे जो सबसे अहम वजह रही, वो है SEBI द्वारा Jane Street पर की गई सख्त कार्रवाई।
Jane Street पर SEBI की कार्रवाई और शेयरों पर असर

SEBI ने अमेरिका की मशहूर ट्रेडिंग कंपनी Jane Street को भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है। SEBI के मुताबिक, Jane Street पर आरोप है कि उसने डेरिवेटिव ट्रेडिंग के जरिए अनैतिक मुनाफा कमाने के लिए इंडेक्स मैनिपुलेशन किया। इसके चलते SEBI ने कंपनी से ₹4,840 करोड़ की अवैध कमाई जब्त करने का आदेश दिया।
इस कार्रवाई के बाद कैपिटल मार्केट से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई, और BSE इसका प्रमुख शिकार बना। निवेशकों को डर है कि इस कार्रवाई से डेरिवेटिव ट्रेडिंग की मात्रा पर असर पड़ सकता है, जिससे BSE की कमाई प्रभावित हो सकती है।
क्या इस गिरावट का असर लंबे समय तक रहेगा
भले ही गिरावट बहुत बड़ी लग रही हो, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर BSE की फंडामेंटल कमाई पर बेहद सीमित होगा। ब्रोकरेज फर्म Jefferies की रिपोर्ट के अनुसार, BSE की FY26 की अनुमानित कमाई में डेरिवेटिव्स का योगदान 58% है, लेकिन इस में Jane Street की हिस्सेदारी मात्र 1% के आसपास है।
Jefferies का मानना है कि Jane Street पर कार्रवाई से BSE की अनुमानित आय पर 100 बेसिस प्वाइंट (bps) का असर पड़ सकता है, जिससे EPS (earning per share) में केवल 60–70 bps की गिरावट आ सकती है। इसका अर्थ है कि इस गिरावट का लंबी अवधि की कमाई पर बहुत गहरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
निवेशकों के लिए यह समय कितना सही

अगर आप उन निवेशकों में से हैं जो बाजार की गिरावट में अच्छे स्टॉक्स को सस्ते दामों पर खरीदने का नजरिया रखते हैं, तो यह समय BSE जैसे मजबूत और तेजी से बढ़ने वाले शेयर पर नजर डालने का है। इस स्टॉक ने अब तक बेहतरीन रिटर्न्स दिए हैं और इसका लॉन्ग टर्म आउटलुक अब भी मजबूत माना जा रहा है।
हालांकि, यह भी जरूरी है कि कोई भी निवेश निर्णय बिना गहराई से सोच-विचार किए न लिया जाए। बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, और SEBI की भविष्य की नीतियों का असर डेरिवेटिव्स मार्केट और BSE के कारोबार पर भी पड़ सकता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। यहां दी गई जानकारियां सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित हैं और यह निवेश की सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। शेयर बाजार जोखिम के अधीन होता है, कृपया सतर्कता और समझदारी से निर्णय लें।