Shubhman Gill: कभी-कभी क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं होता, वो एक जज़्बा बन जाता है। और जब बात भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ की हो, तो यह सिर्फ दो देशों की भिड़ंत नहीं बल्कि गौरवशाली इतिहास और चमकते भविष्य के बीच की जंग होती है। इन दिनों इस ऐतिहासिक टकराव को एक नाम नई परिभाषा दे रहा है Shubhman Gill। अपने शांत स्वभाव, तकनीकी परिपक्वता और विस्फोटक प्रतिभा के दम पर गिल वो कर दिखा रहे हैं, जो अब तक असंभव समझा जाता था डॉन ब्रैडमैन के 974 रन के रिकॉर्ड को चुनौती देना।
इंग्लैंड में Shubhman Gill का जलवा और हर रिकॉर्ड पर खतरा

93 साल पहले भारत ने इंग्लैंड में अपना पहला टेस्ट खेला था, और इतने वर्षों में मुश्किल इंग्लिश परिस्थितियों में सिर्फ कुछ ही भारतीय बल्लेबाज़ चमके हैं। राहुल द्रविड़ ने 2002 में 602 रन बनाए थे और विराट कोहली ने 2018 में 593 रन तक पहुंचे थे, लेकिन कोई भी बल्लेबाज़ डॉन ब्रैडमैन या सुनील गावस्कर जैसे आंकड़ों को नहीं छू पाया था।
लेकिन 2025 की ये सीरीज़ अलग है। इस बार बल्लेबाज़ी का शो शुभमन गिल के नाम हो गया है। चार पारियों में ही उन्होंने 147, 8, 269 और 161 रनों की पारियां खेलीं। ये आंकड़े केवल स्कोर नहीं हैं, ये भारतीय क्रिकेट के गौरव की नई इबारत हैं। उन्होंने सुनील गावस्कर के 774 रन का रिकॉर्ड पार कर लिया है, जो उन्होंने 1970-71 की डेब्यू सीरीज़ में बनाया था।
गिल का धैर्य और परिपक्वता: तकनीक का बेजोड़ नमूना
Shubhman Gill की बल्लेबाज़ी को देखकर पुराने दौर के क्लासिक बल्लेबाज़ों की याद ताज़ा हो जाती है। उनकी तकनीक, फुटवर्क, और गेंदबाजों को पढ़ने की कला, उन्हें खास बनाती है। Edgbaston में खेले गए मैच में उनकी 269 रन की पारी इतिहास में दर्ज हो चुकी है। उन्होंने रन नहीं बनाए, बल्कि विरोधी टीम की रणनीति को तोड़कर रख दिया।
Shubhman Gill ने इस सीरीज़ में जिस आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाज़ी की है, उसने उन्हें ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज़ों की कतार में खड़ा कर दिया है। वो एक ऐसे युग की शुरुआत कर रहे हैं, जिसमें भारतीय खिलाड़ी विदेशों में भी राज कर सकते हैं।
क्या टूटेगा डॉन ब्रैडमैन का 974 रन का रिकॉर्ड?
डॉन ब्रैडमैन ने 1930 की एशेज सीरीज़ में इंग्लैंड के खिलाफ 974 रन बनाए थे। वो रिकॉर्ड पिछले 148 सालों से अजेय बना हुआ है। अब जब शुभमन गिल चार पारियों में ही 585 रन बना चुके हैं, तो अगले कुछ टेस्ट मैचों में उनके पास यह ऐतिहासिक मौका है कि वो क्रिकेट के सबसे बड़े रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दें।
यह एक खिलाड़ी का सपना होता है कि वह न केवल खुद को साबित करे, बल्कि इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़े। शुभमन गिल आज उस मोड़ पर खड़े हैं, जहां से वो सिर्फ एक मैच विनर नहीं बल्कि लीजेंड बन सकते हैं।
भारत को मिला एक नया ‘प्रिंस ऑफ टेस्ट क्रिकेट’

क्रिकेट फैंस उन्हें प्यार से “प्रिंस गिल” कहने लगे हैं और यह नाम अब सिर्फ एक उपाधि नहीं, बल्कि उनकी कला और नजाकत की पहचान बन गया है। जहां पहले टेस्ट क्रिकेट धीमेपन और अनुशासन का प्रतीक माना जाता था, वहीं गिल ने इसे नयापन, आत्मविश्वास और क्लास का संगम बना दिया है।
डिस्क्लेमर: यह लेख जुलाई 2025 की स्थितियों और आंकड़ों पर आधारित है। क्रिकेट में प्रदर्शन समय, पिच और परिस्थिति के अनुसार बदल सकता है। उपरोक्त जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध तथ्यों पर आधारित है। किसी भी आधिकारिक घोषणा या अंतिम रिकॉर्ड की पुष्टि संबंधित क्रिकेट बोर्ड द्वारा ही की जाती है।