Trent shares: जब निवेशकों को अपने पसंदीदा शेयरों से उम्मीदें होती हैं, तो एक छोटी सी निराशा भी बड़ा असर डाल देती है। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 को देखने को मिला, जब टाटा ग्रुप की प्रमुख रिटेल कंपनी Trent Ltd. के शेयरों में 10% की भारी गिरावट आई और यह सीधे ₹5,572 के निचले सर्किट पर बंद हुआ। इस गिरावट ने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी और यह सवाल खड़ा हो गया कि आख़िर ऐसा क्या हुआ कि एक मजबूत ब्रांड अचानक डगमगाने लगा।
ट्रेंट का नाम भारत के सबसे विश्वसनीय रिटेल ब्रांड्स में आता है, जिसमें वेस्टसाइड, जुडियो और स्टार मार्केट जैसे नाम शामिल हैं। कंपनी फैशन से लेकर ग्रोसरी तक के क्षेत्र में लगातार विस्तार कर रही है और उसका प्रदर्शन अब तक काफी प्रभावशाली रहा है। लेकिन इस बार मामला AGM यानी Annual General Meeting के बाद से बिगड़ता नजर आया।
AGM के बाद घटा भरोसा

ट्रेंट ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) का ग्रोथ अपडेट AGM में पेश किया, जिसमें कंपनी की स्टैंडअलोन रेवेन्यू सालाना 20% की दर से बढ़कर ₹5,061 करोड़ तक पहुंची। हालांकि यह आंकड़ा अच्छा लग सकता है, लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स की उम्मीद इससे कहीं ज़्यादा थी। खासकर जब कंपनी ने भविष्य में 25% की वार्षिक ग्रोथ का लक्ष्य रखा है, तो यह ग्रोथ दर कुछ कमज़ोर लगी।
Nuvama जैसी संस्थाओं ने कहा कि ट्रेंट का मौजूदा रन रेट उस महत्वाकांक्षा से पीछे है जो कंपनी ने दिखाई थी। विश्लेषकों का मानना है कि Zudio Beauty और Star जैसे सेगमेंट्स कंपनी के लिए आने वाले समय में ग्रोथ का बड़ा आधार बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए पहले इन व्यवसायों को स्थिर और मजबूत करना होगा।
स्टोर एक्सपेंशन जारी, लेकिन दबाव भी बरकरार
ट्रेंट के पास अभी 248 वेस्टसाइड, 766 जुडियो (जिसमें दो यूएई में भी हैं) और 29 अन्य लाइफस्टाइल स्टोर्स हैं। कंपनी ने FY26 के लिए 250 से ज्यादा नए स्टोर खोलने की योजना बनाई है और बाजार की स्थितियों को देखते हुए यह संख्या और बढ़ सकती है। लेकिन सिर्फ स्टोर खोलने से रेवेन्यू बढ़े, यह जरूरी नहीं—जब तक ग्राहक खर्च करने के लिए तैयार न हों।
ट्रेंट के मुताबिक, FY25 भारत में रिटेल सेक्टर के लिए एक कठिन साल रहा। महंगाई जैसी आर्थिक चुनौतियों ने उपभोक्ताओं की विवेकाधीन खर्चों को प्रभावित किया। हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था अब भी स्थिर बनी हुई है और यहां की युवा आबादी, शहरीकरण और डिजिटल विस्तार उपभोग में नई ऊर्जा भर रहे हैं।
विश्लेषकों की रेटिंग में बदलाव
नुवामा ने अपनी रिपोर्ट में ट्रेंट के FY26 और FY27 के अनुमानित रेवेन्यू को क्रमशः 5% और 6% तक घटा दिया है। इसके साथ ही EBITDA यानी ऑपरेटिंग प्रॉफिट अनुमान में भी 9% से 12% की कटौती की गई है। यह कदम निवेशकों के लिए एक चेतावनी की तरह है कि निकट भविष्य में कंपनी के मुनाफे में अस्थिरता रह सकती है।
फिर भी उम्मीद बाकी है

हालांकि ट्रेंट इस समय निवेशकों के भरोसे की कसौटी पर है, लेकिन यह भी सच है कि यह कंपनी अब भी भारत के सबसे मजबूत रिटेल नेटवर्क्स में से एक है। अगर कंपनी अपने नए सेगमेंट्स जैसे Zudio Beauty और Star को बेहतर तरीके से मार्केट में स्थापित कर पाई, तो फिर से ट्रेंड में आ सकती है।
किसी भी निवेश में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब बात ट्रेंट जैसी भरोसेमंद कंपनी की हो, तो थोड़ी सतर्कता के साथ उम्मीद बनाए रखना समझदारी हो सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और शैक्षिक उद्देश्य के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। निवेश का निर्णय लेने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निवेश के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।